Haryana News: हरियाणा में हुआ बड़ा जमीन घोटाला, रजिस्ट्री क्लर्क और नंबरदार ने फर्जी दस्तावेज लगाकर बेची जमीन
चरखी दादरी की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो टीम ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैपटिस्ट चर्च की 20 कनाल 11 मरले जमीन को कौड़ियों के भाव बेचने के आरोपी रजिस्ट्री क्लर्क व नंबरदार को गिरफ्तार किया है

Haryana News: चरखी दादरी की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो टीम ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैपटिस्ट चर्च की 20 कनाल 11 मरले जमीन को कौड़ियों के भाव बेचने के आरोपी रजिस्ट्री क्लर्क व नंबरदार को गिरफ्तार किया है। दोनों तीन साल से फरार चल रहे थे।
उन्हें कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया। जांच में पता चला कि तत्कालीन तहसीलदार रविंद्र मलिक ने पूरा खेल रचा था। बिक्री के बाद इस जमीन में करीब 2000 गज जमीन का हिस्सा भी उनका होना था। वर्ष 2022 में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैपटिस्ट चर्च की 20 कनाल 11 मरले जमीन की रजिस्ट्री कराने का प्रयास किया गया था।
मामला प्रकाश में आने के बाद दिल्ली निवासी बैपटिस्ट के पावर ऑफ अटॉर्नी सुमित नाथ ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। सिविल लाइन पुलिस ने तहसीलदार समेत नौ नामजद लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
वर्ष 2023 में यह मामला एंटी करप्शन ब्यूरो चरखी दादरी को सौंप दिया गया। ब्यूरो इस मामले में आठ लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर चुका है। गुरुवार को टीम ने तीन साल से फरार चल रहे तत्कालीन रजिस्ट्री क्लर्क विकास और नंबरदार ओमबीर को गिरफ्तार किया है।
दोनों पर यह आरोप है
रजिस्ट्री क्लर्क विकास पर आरोप है कि उसने तत्कालीन तहसीलदार के कहने पर फर्जी दस्तावेजों को बिना जांचे कंप्यूटर में फीड कर दिया। आरोपी नंबरदार ओमबीर पर आरोप है कि उसने खरीदार और विक्रेता को जाने बिना और उनकी जांच किए बिना गवाही देकर हस्ताक्षर कर दिए।
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर चर्च की 20 कनाल 11 मरले जमीन की रजिस्ट्री करने के मामले में तत्कालीन तहसीलदार रविंद्र मलिक समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अब तत्कालीन रजिस्ट्री क्लर्क विकास और नंबरदार ओमबीर को गिरफ्तार किया है। दोनों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। मुख्य साजिशकर्ता तहसीलदार रविंद्र मलिक था।