Gurugram में 96 करोड़ की लागत से बनेगा हाई-टेक जिला परिषद भवन
वर्तमान में गुरुग्राम जिला परिषद के कार्यालय कई अलग-अलग इमारतों में संचालित होते हैं, जिससे समन्वय और जनसेवा में अनावश्यक देरी होती है।

Gurugram : मिलेनियम सिटी गुरुग्राम को जल्द ही एक अभूतपूर्व प्रशासनिक केंद्र मिलने जा रहा है। शहर के सिविल लाइंस क्षेत्र में 96 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से जिला परिषद का अत्याधुनिक ‘विकास भवन’ (Development Building) स्थापित किया जाएगा, जो प्रशासनिक कार्यों में दक्षता और पारदर्शिता का नया अध्याय लिखेगा।
वरिष्ठ सरकारी सूत्रों ने पुष्टि की है कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना को 2024 में हरी झंडी मिल चुकी है और निविदा प्रक्रिया पूरी होने के बाद वर्क ऑर्डर भी आवंटित किया जा चुका है। उम्मीद है कि यह भव्य भवन 2028 के अंत तक जनता की सेवा के लिए तैयार हो जाएगा।
वर्तमान में गुरुग्राम जिला परिषद के कार्यालय कई अलग-अलग इमारतों में संचालित होते हैं, जिससे समन्वय और जनसेवा में अनावश्यक देरी होती है। इस नई नौ-मंजिला (तीन बेसमेंट, ग्राउंड और पांच ऊपरी मंजिलें) संरचना का मुख्य उद्देश्य इन सभी विंगों को एक ही छत के नीचे लाकर प्रशासनिक क्षमता को अधिकतम करना है।
पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस के बगल में 3.75 एकड़ के रणनीतिक प्लॉट पर स्थित, यह भवन कुल 2.22 लाख वर्ग फुट के विशाल कवर्ड एरिया में फैला होगा। शेष 2.75 एकड़ क्षेत्र को सुंदरता और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए ग्रीन स्पेस और आंतरिक सड़कों के लिए समर्पित किया गया है।
नए विकास भवन का डिज़ाइन पूरी तरह से नागरिक-केंद्रित रखा गया है।
- ग्राउंड फ्लोर: इसे विशेष रूप से नागरिक सेवा केंद्र के रूप में तैयार किया जाएगा। यहाँ 400 लोगों की क्षमता वाला एक विशाल प्रतीक्षा क्षेत्र, एक डबल-हाइट मीटिंग हॉल, कार्यालय, पैंट्री और बैंक जैसी आवश्यक सुविधाएं होंगी।
- पार्किंग समाधान: शहर की सबसे बड़ी समस्या को हल करते हुए, तीनों बेसमेंट स्तरों पर 135 वाहनों के लिए पर्याप्त पार्किंग सुविधा उपलब्ध होगी। यह सुविधा न केवल कार्यालय कर्मचारियों के लिए बल्कि यहाँ आने वाले नागरिकों के लिए भी बड़ी राहत साबित होगी।
भवन की ऊपरी मंजिलें प्रशासनिक व्यवस्था के केंद्रीकरण को दर्शाती हैं।
- दूसरी मंजिल जिला परिषद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के लिए आरक्षित होगी, जहाँ पुस्तकालय और मीटिंग हॉल भी शामिल है।
- तीसरी मंजिल पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ), उप-सीईओ और जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी (डीडीपीओ) के प्रमुख कार्यालय स्थापित किए जाएंगे।
- चौथी मंजिल बुनियादी ढांचा और विकास परियोजनाओं को संभालने वाले अधीक्षण अभियंता (एसई) और कार्यकारी अभियंताओं को समर्पित होगी।
- सबसे ऊपर की पांचवीं मंजिल पर सतर्कता (विजिलेंस) विंग को जगह दी जाएगी, जो विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने का काम करेगी।
यह परियोजना गुरुग्राम के प्रशासनिक बुनियादी ढांचे को मजबूती देगी और एमसीजी तथा जीएमडीए के निर्माणाधीन कार्यालयों के साथ मिलकर शहर के लिए एक नए प्रशासनिक हब का निर्माण करेगी।