MCG का सख्त एक्शन: 17 हजार पानी बिल डिफॉल्टरों के कनेक्शन काटने की तैयारी, जेई को सौंपी लिस्ट
निगम के इस सख्त रुख का मुख्य कारण राजस्व वसूली में आ रहा भारी घाटा है। नगर निगम हर महीने गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (GMDA) को पानी के बिलों के रूप में करीब 10 करोड़ रुपये का भुगतान करता है

MCG : नगर निगम गुरुग्राम (MCG) ने पानी और सीवर शुल्क के बकायेदारों के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी और कठोर कार्रवाई का बिगुल फूंक दिया है। निगम के 17 हजार से अधिक उपभोक्ताओं पर कुल 180 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है, जिसकी वसूली के लिए निगम ने इसी सप्ताह से बड़े पैमाने पर कनेक्शन काटने की मुहिम शुरू करने का निर्णय लिया है।
एमसीजी के मुख्य अभियंता विजय ढाका ने सभी डिवीजनों के जूनियर इंजीनियरों (जेई) को वार्ड अनुसार डिफॉल्टरों की विस्तृत सूची सौंप दी है। इन जेई को निर्देश दिए गए हैं कि वे बकायेदारों को बिल जमा कराने के लिए केवल तीन दिन की अंतिम मोहलत देंगे। इस समय-सीमा के बाद भी यदि भुगतान नहीं होता है, तो बिना किसी नरमी के उनके पानी और सीवर के कनेक्शन काट दिए जाएंगे। निगम आयुक्त ने राजस्व वसूली में किसी भी प्रकार की कोताही न बरतने के सख्त आदेश जारी किए हैं।
निगम के इस सख्त रुख का मुख्य कारण राजस्व वसूली में आ रहा भारी घाटा है। नगर निगम हर महीने गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (GMDA) को पानी के बिलों के रूप में करीब 10 करोड़ रुपये का भुगतान करता है, जबकि बिल वसूली से निगम के खजाने में मुश्किल से 4 करोड़ रुपये ही जमा हो पाते हैं। इस 60% के बड़े वित्तीय अंतर को पाटने के लिए निगम को यह अभूतपूर्व सख्ती दिखानी पड़ रही है।
निगम का मानना है कि इस कार्रवाई से न केवल बकाया राशि वसूल होगी, बल्कि भविष्य में लोग समय पर बिल भरने के लिए भी प्रेरित होंगे।इस वसूली अभियान के साथ ही निगम अवैध रूप से पानी के कनेक्शन लेने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करेगा। MCG का उद्देश्य है कि राजस्व हानि को रोका जाए और जल उपयोग में पारदर्शिता लाई जाए।
निगम के आंकड़ों के अनुसार, गुरुग्राम में पानी-सीवर के कुल 1 लाख 87 हजार कनेक्शन हैं, लेकिन इनमें से केवल 30 हजार कनेक्शनों पर ही पानी का मीटर लगा हुआ है। मीटर की कमी के कारण पानी की वास्तविक खपत का आकलन करना असंभव हो जाता है, जिससे राजस्व का नुकसान होता है और पानी की बर्बादी भी बढ़ती है।
निगम अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि यह पहली बार है जब इतने बड़े स्तर पर एक साथ कार्रवाई की जा रही है, जिसका अंतिम लक्ष्य शहर की वित्तीय व्यवस्था और जल प्रबंधन को सुधारना है।