Haryana News: हरियाणा में अंधेरी रात को चला प्रशासन का पीला पंजा, सरकारी जमीन पर बने तोड़े चबूतरे और स्लेब
शहर को मानसून की बाढ़ से बचाने के लिए लोक निर्माण विभाग ने बुधवार रात 10 बजे ओल्ड जीटी रोड पर पीला पंजा चलाया। ओल्ड जीटी रोड से अवैध चबूतरे हटाए जाने के बाद दशकों पुराने नाले फिर से दिखाई देने लगे हैं।

Haryana News: शहर को मानसून की बाढ़ से बचाने के लिए लोक निर्माण विभाग ने बुधवार रात 10 बजे ओल्ड जीटी रोड पर पीला पंजा चलाया। ओल्ड जीटी रोड से अवैध चबूतरे हटाए जाने के बाद दशकों पुराने नाले फिर से दिखाई देने लगे हैं।
साथ ही सड़क 30 साल पुरानी स्थिति में लौट आई। रात 10 बजे तक चली कार्रवाई में पीले पंजों से 50 से अधिक चबूतरे और सीढ़ियां तोड़ने का दावा किया गया। बताया जा रहा है कि इससे पहले इतनी बड़ी कार्रवाई कभी नहीं हुई। स्लैब और चबूतरों से ढकी नालियों को बेखौफ कब्जाधारियों से मुक्त करते ही सड़क चौड़ी हो गई।
विभाग के पीले पंजों ने कमेटी चौक से मीनार गेट चौक तक नहरों के ऊपर बने कंक्रीट के स्लैब और सीढ़ियां तोड़ दीं। इससे पहले कमेटी चौक से हुड्डा चौक तक एक सप्ताह तक कार्रवाई की गई थी। ओल्ड जीटी रोड के दोनों तरफ के सभी दुकानदारों को नोटिस जारी किए गए हैं।
नगर परिषद, जनस्वास्थ्य विभाग और लोक निर्माण विभाग नालों की सफाई के लिए हर साल लाखों रुपये खर्च कर रहे हैं, लेकिन कई जगहों पर नालों पर कंक्रीट के स्लैब होने के कारण नालों की पूरी तरह सफाई नहीं हो पाती।
लोक निर्माण विभाग के एसडीओ सिद्धार्थ देव ने बताया कि पुराने जीटी रोड पर बरसाती नालों पर अवैध कब्जा करने वाले दुकानदारों को पहले ही नोटिस देकर खुद ही अतिक्रमण हटाने को कहा गया था। लेकिन कई लोगों ने निर्देशों का पालन नहीं किया, जिस पर विभाग का पीला पंजा मौके पर पहुंचा और नालों पर बने चबूतरे और सीढ़ियां तोड़ दी।
नालों की सफाई और बरसात में जलभराव को रोकने के लिए यह कार्रवाई जरूरी है। अगर इसके बाद दोबारा किसी ने अतिक्रमण किया तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कबाड़ बीनने वालों में मची होड़ तोड़फोड़ के बाद निकले लोहे के सरिए को लेने के लिए कबाड़ बीनने वालों में होड़ मच गई।
जीटी रोड पर तोड़फोड़ की खबर मिलते ही सुबह-सुबह कबाड़ बीनने वाले सड़कों पर उतर आए। महिलाएं और बच्चे 15-20 के समूह में मौके पर पहुंचे। वहां पहुंचने पर कबाड़ बीनने वालों में तोड़फोड़ के दौरान हटाए गए सरकंडों को इकट्ठा करने की होड़ लग गई। महिलाओं और बच्चों ने साड़ियां इकट्ठी कीं और उन्हें अपने घर ले गए।