Gurugram News: दिल्ली-जयपुर हाईवे पर बनेगा नया टोल प्लाजा, टोटल 14 लेंन में से 12 होगी फास्टैग सिस्टम
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने शुक्रवार को दिल्ली-जयपुर हाईवे पर पचगांव में टोल प्लाजा बनाने की तैयारियां पूरी कर ली हैं

Gurugram News: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने शुक्रवार को दिल्ली-जयपुर हाईवे पर पचगांव में टोल प्लाजा बनाने की तैयारियां पूरी कर ली हैं। केएमपी एक्सप्रेस-वे से पहले टोल प्लाजा का निर्माण जुलाई से शुरू होगा। इसके लिए तैयार लेआउट प्लान को भी अंतिम रूप दे दिया गया है। तीन माह के भीतर टोल प्लाजा बनाने का लक्ष्य है। इस पर 20 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
खेड़कीदौला में दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे पर टोल प्लाजा हटाने की मांग कई वर्षों से चल रही है। इसके लिए कई बार प्रदर्शन भी हुए। लोगों ने भूख हड़ताल भी की। प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र भी लिखे गए। अब लाखों लोगों की मांग पूरी हो रही है।
अगले तीन माह के भीतर खेड़कीदौला से टोल प्लाजा हटाने का लक्ष्य है। इस प्रकार तीन माह के भीतर पचगांव में टोल प्लाजा बनकर तैयार हो जाएगा। इसके लिए एचएसआईआईडीसी ने एनएचएआई को 28 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई है। इसमें 14 लेन का टोल प्लाजा होगा। 12 लेन फास्टैग सिस्टम वाले वाहनों के लिए होंगी।
दोनों तरफ एक-एक लेन टोल से बाहर के वाहनों के लिए होगी। 12 लेन अत्याधुनिक फास्टैग रीडर से लैस होंगी, ताकि वाहन एक सेकंड के लिए भी रुक न सकें। इससे टोल प्लाजा तो दिखेगा, लेकिन वाहन नहीं रुकेंगे। द्वारका एक्सप्रेसवे के टोल प्लाजा पर फिलहाल ऐसी सुविधा विकसित की जा रही है। आने वाले समय में देश के सभी टोल प्लाजा को बूथलेस करने की योजना है।
एनएचएआई अधिकारी का कहना है कि काम शुरू होने से पहले 9 जुलाई को हरियाणा सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक होगी। टोल प्लाजा के निर्माण के दौरान किसी तरह की दिक्कत न आए, इस पर चर्चा की जाएगी। सभी अधिकारी उस जगह का दौरा भी करेंगे, जहां टोल प्लाजा बनाया जाना है।
तीन महीने से ज्यादा नहीं लगना चाहिए खेड़कीदौला टोल प्लाजा को लेकर परेशान लोगों का कहना है कि पचगांव में टोल प्लाजा बनने में तीन महीने से ज्यादा नहीं लगना चाहिए। सालों बाद उम्मीद बंधी है कि टोल प्लाजा हटेगा। वरना तो लगता था कि हटेगा ही नहीं।
मानेसर क्षेत्र में संचालित औद्योगिक इकाइयों में कार्यरत इंजीनियर राजकुमार, जय भगवान वर्मा, राजन सिंह और अनमोल वर्मा ने बताया कि खेड़कीदौला से टोल प्लाजा हटने पर आइएमटी मानेसर, सेक्टर-37, सेक्टर-34, कादीपुर और बसई औद्योगिक क्षेत्रों की तस्वीर बदल जाएगी।
पिछले 10 सालों में इन औद्योगिक क्षेत्रों का उतना विकास नहीं हुआ, जितना होना चाहिए था। पैसे देने के बाद भी उन्हें टोल प्लाजा पर जाम झेलना पड़ता है। द्वारका एक्सप्रेसवे खुलने के बाद भी पीक आवर्स में जाम लग जाता है। रात आठ बजे के बाद मानेसर से गुरुग्राम आना काफी परेशानी भरा होता है। भारी वाहनों की लाइन लग जाती है। खेड़कीदौला टोल प्लाजा पर रोजाना 65,000 वाहन आते-जाते हैं
खेड़कीदौला टोल प्लाजा पर रोजाना औसतन 65,000 वाहन आते-जाते हैं। इतने वाहनों के लिए कम से कम 35 लेन का टोल प्लाजा होना चाहिए, जबकि यहां सिर्फ 25 लेन हैं। दोनों तरफ इतनी जगह नहीं है कि लेन की संख्या बढ़ाई जा सके। मांग है कि इसे तत्काल प्रभाव से हटाया जाए या पचगांव इलाके में स्थानांतरित किया जाए।