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Gurugram Metro : 80 किलोमीटर की रफ्तार से चलेगी और हर पांच मिनट में यात्रियों को मिलेगी सुविधा

 डिपो के अंदर बनने वाला ट्रैक भी 6 किमी से बढ़ाकर 18 किमी का किया जाएगा। यह डिपो सेक्टर-33 स्थित मार्बल मार्केट के पास बनना है, हालांकि अभी तक जीएमआरएल को इसके लिए जमीन उपलब्ध नहीं हो पाई है।

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Gurugram Metro : ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो के यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर सामने आई है। गुरुग्राम मेट्रो रेल लिमिटेड (जीएमआरएल) के अनुसार, इस नए रूट पर मेट्रो की अधिकतम रफ्तार 80 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी, जिससे यात्रियों का सफर तेज और आरामदायक हो जाएगा। हालांकि, मेट्रो को 90 किमी प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार के लिए डिज़ाइन किया जा रहा है। जीएमआरएल की योजना है कि मेट्रो का संचालन हर पांच मिनट के अंतराल पर किया जाएगा, जिससे यात्रियों को ज्यादा देर इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

जीएमआरएल द्वारा तैयार किए गए डिज़ाइन के मुताबिक, शुरुआती चरण में मेट्रो का संचालन तीन कोच के साथ होगा। इन तीन कोचों में एक बार में 975 यात्री सफर कर सकेंगे, जिनमें 136 यात्रियों को सीट उपलब्ध होगी। भविष्य में यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए कोचों की संख्या बढ़ाकर छह की जाएगी।

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छह कोच वाली मेट्रो में 2004 यात्री सफर कर पाएंगे और 286 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी। अधिकारियों ने बताया कि मेट्रो की बॉडी स्टेनलेस स्टील की होगी, जिसकी ऊंचाई 3.9 मीटर और चौड़ाई 2.9 मीटर रखी जाएगी। इस पूरे संचालन के लिए जीएमआरएल 117 कोच का इंतजाम करेगा।

मेट्रो डिपो के निर्माण लागत में बड़ा संशोधन किया गया है। मौजूदा सर्वे के अनुसार, इसके निर्माण में अब 332 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जबकि पहले इसका अनुमानित खर्च लगभग 110 करोड़ रुपये था। राइट्स के नए सर्वे के बाद डिपो का आकार भी बढ़ा दिया गया है। पहले इसे 5.5 हेक्टेयर जमीन पर बनाने की योजना थी, जो अब बढ़कर 22.86 हेक्टेयर हो गई है।

डिपो के अंदर बनने वाला ट्रैक भी 6 किमी से बढ़ाकर 18 किमी का किया जाएगा। यह डिपो सेक्टर-33 स्थित मार्बल मार्केट के पास बनना है, हालांकि अभी तक जीएमआरएल को इसके लिए जमीन उपलब्ध नहीं हो पाई है।

जीएमआरएल ने दूसरे चरण में भू तकनीकी सर्वे का काम पूरा कर लिया है। यह सर्वे सेक्टर-नौ से डीएलएफ साइबर सिटी तक लगभग 13 किलोमीटर क्षेत्र में किया गया है। जल्द ही सेक्टर-पांच से रेलवे स्टेशन तक के हिस्से में भी भू तकनीकी सर्वे शुरू किया जाएगा। इस सर्वे के तहत पानी और मिट्टी के नमूने लिए जाएंगे, जिसके आधार पर टेंडर के दस्तावेज तैयार होंगे।

दरअसल, तीन साल पहले जीएमडीए ने इस मुख्य सड़क के साथ दो लेन की सर्विस रोड बनाई थी, जिसे बाद में जिला प्रशासन के आग्रह पर साइकिल ट्रैक में बदल दिया गया था। अब ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो के निर्माण के चलते मुख्य सड़क की एक लेन पर बेरीकेडिंग होने से यातायात जाम लगने लगा है, जिसे देखते हुए यह फैसला लिया गया है। अगले सप्ताह तक बेरीकेड हटाकर सर्विस रोड को वाहनों के लिए खोल दिया जाएगा, जिससे आसपास के सेक्टरों का यातायात सर्विस रोड पर शिफ्ट हो सकेगा।

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