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Dwarka Express way पर पाइपलाइन बिछाने से धसने का खतरा, NHAI ने निर्माण कार्य रुकवाया

NHAI के अधिकारियों के अनुसार, निर्माण के दौरान एक्सप्रेसवे के नीचे दो स्थानों पर मिट्टी खिसकने की घटना सामने आई, जिसके बाद उन्होंने निर्माण कार्य को रोक दिया।

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Dwarka Express way : दिल्ली-एनसीआर की महत्वाकांक्षी परियोजना द्वारका एक्सप्रेसवे के नीचे जल आपूर्ति पाइपलाइन बिछाने को लेकर गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (GMDA) और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) आमने-सामने आ गए हैं। NHAI ने सुरक्षा चिंताओं और आवश्यक लिखित मंजूरी न लेने का हवाला देते हुए GMDA के निर्माण कार्य को तत्काल प्रभाव से रुकवा दिया है।

इस विवाद के कारण गुरुग्राम के सेक्टर 58 से लेकर 80 तक के निवासियों को पानी पहुंचाने की योजना अधर में लटक गई है।

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करीब आठ करोड़ रुपये की लागत से GMDA ने अप्रैल माह में 2000 एमएम क्षमता की यह मुख्य पाइपलाइन डालने का काम एक ठेकेदार को सौंपा था। यह लाइन द्वारका एक्सप्रेसवे के नीचे से लगभग पांच से सात मीटर की गहराई पर डाली जा रही थी।

NHAI के अधिकारियों के अनुसार, निर्माण के दौरान एक्सप्रेसवे के नीचे दो स्थानों पर मिट्टी खिसकने की घटना सामने आई, जिसके बाद उन्होंने निर्माण कार्य को रोक दिया।

NHAI का स्पष्ट आरोप है कि GMDA ने परियोजना की जानकारी तो दी थी, लेकिन लिखित में कोई आधिकारिक मंजूरी या योजना का नक्शा साझा नहीं किया। एक अधिकारी ने बताया, “बिना मंजूरी के इतनी महत्वपूर्ण संरचना के नीचे खुदाई करना गंभीर सुरक्षा जोखिम पैदा करता है, जिससे एक बड़ा हादसा हो सकता था।”

GMDA के अधिकारियों ने इस काम को रोकने पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि सेक्टर 58 से 80 तक पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए करीब 550 करोड़ रुपये की लागत से जल बुनियादी ढांचा (इंफ्रास्ट्रक्चर) पिछले दो साल से बनकर तैयार खड़ा है।

इसमें सेक्टर-72 में 70 करोड़ रुपये का बूस्टिंग स्टेशन, चंदू बुढेड़ा जल शोधन संयंत्र से सेक्टर-72 तक 176 करोड़ रुपये की लाइन और सोसाइटियों तक 125 करोड़ रुपये की वितरण लाइनें शामिल हैं। लगभग 200 करोड़ रुपये जमीन अधिग्रहण पर खर्च किए जा चुके हैं। GMDA के अनुसार, यह पाइपलाइन लिंक न होने के कारण पूरी 550 करोड़ रुपये की योजना बेकार साबित हो रही है।

GMDA अधिकारियों ने बताया कि यह पाइपलाइन मूल रूप से NHAI को ही स्थानांतरित करनी थी, लेकिन एवीएल 36 सोसाइटी के पास करीब 350 मीटर भूमि विवाद के कारण काम अटका रहा। कई बार लिखित और मौखिक आग्रह के बावजूद जब समस्या हल नहीं हुई, तो जल आपूर्ति की तात्कालिकता को देखते हुए GMDA ने स्वयं काम शुरू करने का फैसला किया।

फिलहाल, GMDA ने NHAI को आधिकारिक रूप से मंजूरी के लिए आवेदन कर दिया है। NHAI ने आश्वासन दिया है कि तकनीकी समिति द्वारा योजना और नक्शों की जांच के बाद ही आगे काम करने की अनुमति दी जाएगी। दोनों विभागों के बीच इस समन्वय की कमी का सीधा असर शहर की जल आपूर्ति योजना और हजारों निवासियों पर पड़ रहा है।

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