क्यों छुपाती है पुलिस अपराधियों का चेहरा? जानिए इस प्रक्रिया की खास वजह
प्रक्रिया यह है कि अपराधी के पकड़े जाने के बाद, जेल के अंदर फरियादी से शिनाख्त परेड कराई जाती है।ताकि फरियादी ,मुलजिम को पहचान कर बताये कि यही वाला है

Knowledge News: प्रक्रिया यह है कि अपराधी के पकड़े जाने के बाद, जेल के अंदर फरियादी से शिनाख्त परेड कराई जाती है।ताकि फरियादी ,मुलजिम को पहचान कर बताये कि यही वाला है।इसके लिए ,वहां लगभग उसी उम्र के ,कद काठी के 8–18 और बंद कैदी एक लाइन में बैठाए जाते है।कंबल से बॉडी ढक दी जाती है।केवल चेहरा खुला रहता है।कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के सामने ,फरियादी बुलाया जाता है।वह सिर पर हाथ रख कर पहचान करता है।कि इसने घटना की।वह पत्रक ,सीलबंद होकर ,विचारण न्यायालय के पास भेज दिया जाता है।अगर पहले से ही सब देख लें तो कारवाही दूषित हो जाती है।यह सामान्य प्रक्रिया है जो चोरी,लूटपाट आदि के मामलों में होती है।शेष मामलों में उन निन्दा से बचाने के लिए भी किया जाता है।
चेहरा ढकने के पीछे है बड़ी वजह
आरोपी को कोर्ट ले जाते समय उसका चेहरा ढकने के पीछे बड़ी वजह है। दरअसल, किसी भी आरोपी का चेहरा तब तक सामने नहीं आना चाहिए जब तक उसके खिलाफ आरोप साबित न हो जाएं, क्योंकि हो सकता है कि वह व्यक्ति दोषी न हो, उस पर झूठा आरोप लगाया गया हो। अगर किसी ऐसे व्यक्ति का चेहरा सार्वजनिक रूप से सामने आ जाए जिसने कोई अपराध न किया हो, तो उसकी जिंदगी बर्बाद हो सकती है।
आरोपी दोषी नहीं है
जान लें कि कोई भी आरोपी तब तक दोषी नहीं होता जब तक कोर्ट उसे दोषी न ठहरा दे। इसलिए उस व्यक्ति को दोषी नहीं मानना चाहिए और आरोप को बदनाम नहीं करना चाहिए। इसलिए कोर्ट ले जाते समय आरोपी का चेहरा ढक दिया जाता है।
ऐसा करने से आरोपी की जिंदगी बर्बाद हो सकती है
अगर किसी व्यक्ति का चेहरा सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आता है, जबकि वह महज आरोपी है और बाद में वह निर्दोष साबित हो जाता है, तो उसके लिए बच निकलना आसान होता है। अन्यथा निर्दोष साबित होने के बाद भी उसे बदनामी झेलनी पड़ती है।
कई कोर्ट केस मीडिया द्वारा भी कवर किए जाते हैं। ऐसे मामलों में आरोपी की तस्वीरें और वीडियो सार्वजनिक हो जाते हैं। लेकिन यह तथ्य कि चेहरा कपड़े से ढका हुआ है, आरोपी की साख को कम नहीं करता।