फिल्म के इस एक सीन ने हीरोइन की रातों रात चमका दी थी किस्मत, विदेशों में भी पहचाना जाने लगा चेहरा, 1985 की है बात
Bollywood Movies: 1985 में रिलीज़ हुई राज कपूर की फिल्म राम तेरी गंगा मैली आज भी बॉलीवुड इतिहास में एक मील का पत्थर मानी जाती है। यह फिल्म अपनी कहानी और संगीत के लिए याद तो की ही जाती है, इसी के साथ इसके विवादित और बोल्ड सीन के लिए भी चर्चे खूब चले।

Bollywood News: 1985 में रिलीज़ हुई राज कपूर की फिल्म राम तेरी गंगा मैली आज भी बॉलीवुड इतिहास में एक मील का पत्थर मानी जाती है। यह फिल्म अपनी कहानी और संगीत के लिए याद तो की ही जाती है, इसी के साथ इसके विवादित और बोल्ड सीन के लिए भी चर्चे खूब चले।
फिल्म ने जहां एक ओर मंदाकिनी को रातोंरात स्टार बना दिया, वहीं दूसरी ओर राजीव कपूर के करियर पर विराम लगा दिया। यह फिल्म राज कपूर द्वारा निर्देशित ‘राम तेरी गंगा मैली’ है। राज कपूर ने अपने अभिनय और निर्देशन से बॉलीवुड को एक नई पहचान दी।
राज कपूर ने अपने बेटे के काम पर प्रकाश डालने के लिए यह फिल्म बनाई थी। उनके बेटे राजीव कपूर ने इस फिल्म से अपने करियर की शुरुआत की। उन्होंने फिल्म में मंदाकिनी नायक की भूमिका निभाई। 1985 में आई फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ में राजीव और मंदाकिनी की जोड़ी काफी लोकप्रिय हुई। लेकिन यह फिल्म भी राजीव के करियर को नहीं बचा सकी। क्योंकि मुख्य नायिका फिल्म से लाइमलाइट पूरी तरह हटा देती है।
राज कपूर अपनी फिल्मों में अभिनेत्रियों को शामिल करते थे, इसलिए फिल्म निश्चित रूप से हिट हो जाती थी। इस फिल्म में भी उन्होंने यही किया है। लोगों को फिल्म में अभिनेत्री पसंद आई और किसी को भी नायक की परवाह नहीं थी। विशेषकर फिल्म में झरने वाला दृश्य। इस फिल्म में मंदाकिनी ने चमकीली साड़ी में एक सीन शूट किया था, जिससे चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई थी।
वो गाना है ‘मेरे पास तुझे आना है…’ राज कपूर इस अभिनेत्री का परिचय इस तरह से देते हैं कि वो इस एक सीन की वजह से रातोंरात स्टार बन जाती है। दूसरी ओर, राजीव कपूर फिल्म में महज एक किरदार बनकर रह गए हैं। राज कपूर की अपने बेटे के लिए बनाई गई फिल्म मंदाकिनी के लिए भाग्यशाली साबित हुई। इस फिल्म और इस एक दृश्य के जरिए मंदाकिनी को आज भी पहचाना जाता है।
‘राम तेरी गंगा मैली’ एक ऐसी फिल्म है जिसने दिखाया कि एक अच्छा निर्देशन और एक बोल्ड किरदार कैसे किसी कलाकार को रातोंरात सुपरस्टार बना सकता है। राज कपूर की यह आखिरी निर्देशित फिल्म थी, और इसने मंदाकिनी को तो अमर बना दिया, लेकिन राजीव कपूर को कोई खास फायदा नहीं दिला सकी।