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Rafale में राष्ट्रपति मुर्मू की ऐतिहासिक उड़ान, कुरुक्षेत्र के आसमान से ‘अविस्मरणीय’ संदेश

ब्रह्मसरोवर को देख महामहिम ने कहा- 'हमारी सैन्य क्षमता पर विश्वास और दृढ़ हुआ'

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Rafale जब हरियाणा के कुरुक्षेत्र की प्राचीन और ऐतिहासिक भूमि के ऊपर से गुजरा, तब महामहिम ने कॉकपिट से ही देशवासियों को एक हृदयस्पर्शी संदेश दिया

भारतीय सशस्त्र बलों की सुप्रीम कमांडर, महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को अंबाला एयरफोर्स स्टेशन से उड़ान भरकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। उन्होंने देश के सबसे उन्नत लड़ाकू विमानों में से एक, राफेल फाइटर जेट में करीब 30 मिनट की ऐतिहासिक उड़ान भरी। इस रोमांचक यात्रा के दौरान, जब राफेल हरियाणा के कुरुक्षेत्र की प्राचीन और ऐतिहासिक भूमि के ऊपर से गुजरा, तब महामहिम ने कॉकपिट से ही देशवासियों को एक हृदयस्पर्शी संदेश दिया, जिसने आधुनिक शक्ति के साथ भारत के गहरे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक जुड़ाव को रेखांकित किया।

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प्राचीन भूमि और ब्रह्मसरोवर से सांस्कृतिक संदेशकरीब 15,000 फीट की ऊंचाई पर, राफेल विमान से उड़ान भरते समय, भारतीय वायु सेना के चीफ एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने राष्ट्रपति मुर्मू को सूचित किया कि वह इस समय कुरुक्षेत्र की ऐतिहासिक धरती के ऊपर हैं और दाईं ओर ब्रह्मसरोवर को देख रही हैं। इस दौरान एयर चीफ मार्शल ने महामहिम से देशवासियों के लिए एक संदेश देने का अनुरोध किया।

 

इस पर, महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कॉकपिट से देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा:

“प्रिय देशवासियों, नमस्कार! राफेल की यह उड़ान मेरे लिए एक अविस्मरणीय अनुभव है। इस आधुनिक विमान से आज मैं इस प्राचीन भूमि और ब्रह्मसरोवर को देख रही हूँ, जो हमारी सांस्कृतिक विविधता और ऐतिहासिक यात्रा का प्रतीक है। हमारी सैन्य क्षमता पर मेरा विश्वास और अधिक दृढ़ हो रहा है। इस उड़ान के लिए मैं अपने सैनिकों को धन्यवाद देना चाहती हूँ।”

शक्ति और संस्कृति का अद्भुत संगम

राष्ट्रपति मुर्मू का यह संदेश न केवल भारतीय वायु सेना की शक्ति और राफेल जैसे आधुनिक हथियारों में देश के विश्वास को दर्शाता है, बल्कि यह भी स्थापित करता है कि भारत का वर्तमान, उसके गौरवशाली अतीत से अटूट रूप से जुड़ा हुआ है। जिस कुरुक्षेत्र की भूमि पर महाभारत का युद्ध लड़ा गया था, जहां धर्म और कर्तव्य का ज्ञान दिया गया, उसी के ऊपर से आधुनिक भारत की सैन्य शक्ति का प्रतीक राफेल गुजर रहा था। ब्रह्मसरोवर, जो हिंदू धर्म में मोक्षदायक माना जाता है, उसे 15 हजार फीट की ऊंचाई से देखना, राष्ट्रपति के कथन को और अधिक भावनात्मक और प्रतीकात्मक बना देता है।

 

इतिहास रचने वाली पहली महिला राष्ट्रपति

यह उड़ान कई मायनों में ऐतिहासिक थी। द्रौपदी मुर्मू राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरने वाली देश की पहली राष्ट्रपति बन गई हैं। इससे पहले, उन्होंने अप्रैल 2023 में असम के तेजपुर से सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान में भी उड़ान भरी थी। इस प्रकार, वह भारतीय वायु सेना के दो अलग-अलग लड़ाकू विमानों में उड़ान भरने वाली देश की पहली राष्ट्रपति बनी हैं, जो महिलाओं के लिए रक्षा क्षेत्र में बढ़ते अवसरों और सशक्तिकरण का एक मजबूत संदेश है।

 

गहरे गर्व की भावना व्यक्त करते हुए, राष्ट्रपति ने उड़ान के बाद अंबाला एयरफोर्स स्टेशन की पूरी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि “शक्तिशाली राफेल विमान पर इस पहली उड़ान ने मुझमें राष्ट्र की रक्षा क्षमताओं के प्रति गर्व की एक नई भावना भर दी है।”यह ऐतिहासिक उड़ान न केवल भारत की वायु रक्षा तैयारियों को दर्शाती है, बल्कि सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन एक महिला द्वारा दिए गए संदेश के माध्यम से देश की सांस्कृतिक जड़ों और आधुनिक प्रगति के बीच सामंजस्य स्थापित करती है।

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