Delhi के बॉर्डर पर लगने वाले जाम को लेकर NHAI ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
सुप्रीम कोर्ट में NHAI द्वारा लगाई गई याचिका में कहा गया है कि पिछले 10 सालों में 546 किलोमीटर लंबे 9 बड़े हाइवे बनाए गए हैं । दिल्ली नगर निगम द्वारा टोल कलेक्शन प्वॉइंटके चलते इन हाइवे के पूरे फायदे नहीं मिल पा रहे हैं

Delhi NCR के बॉर्डर पर रोज़ाना लगने वाले ट्रैफिक जाम के लिए NHAI ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है । नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने दिल्ली के 9 बॉर्डर्स पर लगने वाले नगर निगम (MCD) टोल प्लाजा को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट से मांग की है । NHAI का कहना है कि इन टोल प्लाजा की वजह से हाइवे पर बने इन्फ्रास्ट्रक्चर का पूरा फायदा नहीं मिल पा रहा है और लगातार ट्रैफिक की समस्या बढती जा रही है ।
सुप्रीम कोर्ट में NHAI द्वारा लगाई गई याचिका में कहा गया है कि पिछले 10 सालों में 546 किलोमीटर लंबे 9 बड़े हाइवे बनाए गए हैं । दिल्ली नगर निगम द्वारा टोल कलेक्शन प्वॉइंटके चलते इन हाइवे के पूरे फायदे नहीं मिल पा रहे हैं । इन टोल कलेक्शन प्वॉइंट की वजह से लोगों को घटों तक टोल पर रुकना पड़ा है और ट्रैफिक जाम की समस्या झेलनी पड़ती है ।
NHAI ने पिछले सप्ताह ही ये आवेदन दायर किया है कि कुछ महीने पहले केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने दिल्ली नगर निगम और दिल्ली सरकार से बॉर्डर पर लगने वाले जाम का समाधान खोजने को कहा था । मंत्री ने लोगों की सुविधा के लिए 9 टोल कलेक्शन प्वॉइंट्स को तुरंत हटाने का अनुरोध किया था ।
सड़क मंत्रालय की 2001 क नीति के अनुसार किसी भी नेशनल हाइवे पर चैक बैरियर लगाने की अनुमति नहीं है, सिवाय इसके कि मंत्रालय की पूर्व स्वीकृति ली गई हो या केवल आपातकालीन मामलों में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए या प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए अस्थायी बैरियर लगाए जा सकते हैं ।
अगर सुप्रीम कोर्ट NHAI की इस याचिका पर दिल्ली नगर निगम के टोल कलेक्शन प्वॉइंट्स को हटाने के पक्ष में किसी भी तरह का फैसला देता है तो आने वाले समय में दिल्ली गुरुग्राम सहित 9 बॉर्डर्स पर ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात मिल सकती है ।