New Fourlane Road: यहाँ 24 महीने में बनकर तैयार होगी नई फोरलेन सड़क, इन जिलों में कनेक्टिविटी को मिलेगी तगड़ी रफ्तार
Bihar News: बिहार के समस्तीपुर जिले के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। मगरदहीघाट से मुक्तापुर तक फोरलेन सड़क और बूढ़ी गंडक नदी पर नया पुल बनाने की योजना को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। यह परियोजना समस्तीपुर के शहरी सफर को चार चाँद लगा देगी। इसी के साथ दरभंगा और समस्तीपुर के बीच कनेक्टिविटी भी शानदार हो जाएगी।

New Fourlane Road: बिहार के समस्तीपुर जिले के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। मगरदहीघाट से मुक्तापुर तक फोरलेन सड़क और बूढ़ी गंडक नदी पर नया पुल बनाने की योजना को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। यह परियोजना समस्तीपुर के शहरी सफर को चार चाँद लगा देगी। इसी के साथ दरभंगा और समस्तीपुर के बीच कनेक्टिविटी भी शानदार हो जाएगी।
24 महीने में पूरी होगी परियोजना
इस परियोजना को 24 माह में पूरा करने का लक्ष्य है। इसके लिए मंत्रालय ने 58.60 करोड़ रुपये की प्रशासनिक व वित्तीय स्वीकृति भी दे दी है। नितिन नवीन ने बताया कि इस परियोजना में एनएच-322 के 67.471 किमी से 69.256 किमी तक चैन रोड का चौड़ीकरण के साथ ही पुराने जर्जर स्क्रू पाइल ब्रिज के स्थान पर नया एचएलआरसीसी ब्रिज बनाया जाएगा।
इन कामों के लिए करोड़ों रुपये स्वीकृत
बेगूसराय-पटना में तटबंध एवं कटाव निरोधक कार्यों के लिए 116 करोड़ रुपये की स्वीकृति दूसरी ओर बेगूसराय एवं पटना जिले के तटीय क्षेत्रों में बाढ़ सुरक्षा एवं बचाव कार्य के लिए 116.04 करोड़ रुपये की दो परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है। वित्तीय स्वीकृति पहले ही प्राप्त कर ली गई थी, ताकि अगले मानसून से पहले सुरक्षात्मक कार्य तेजी से पूरे किए जा सकें। जल संसाधन विभाग ने दोनों परियोजनाओं की क्रियान्वयन एजेंसियों को काम शुरू करने और सीमित समय सीमा के भीतर उन्हें पूरा करने का निर्देश दिया है।
इस काम के लिए 59.98 करोड़ रुपये मंजूर
बेगूसराय जिले में हसनपुर-बनिया से सगुनी तक 8.330 किमी लंबाई में नए तटबंध और सुरक्षात्मक कार्यों के निर्माण के लिए 59.98 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। परियोजना के पूरा होने से क्षेत्र में बाढ़ नियंत्रण और जान-माल और कृषि भूमि की सुरक्षा संभव हो सकेगी। पटना जिले के बख्तियारपुर प्रखंड में गंगा नहर के दाहिने किनारे पर स्थायी सुरक्षात्मक कार्यों और कटाव रोकथाम उपायों के लिए 56.06 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। यह क्षेत्र हर साल गंगा नदी के बड़े पैमाने पर कटाव से प्रभावित होता है।