मॉनसून से पहले अधिकारियों की भागमभाग शुरु, क्या इस बार बचा सकेंगे WaterLogging से
Gurugram News Network – देश में मॉनसून आने से लगभग चार महीने पहले ही गुरुग्राम में जलभराव ना हो इसके लिए गुरुग्राम नगर निगम के अधिकारियों ने भागदौड़ शुरु कर दी है । हालांकि पिछले साल भी मॉनसून से पहले इसी तरह की भागमभाग अधिकारियों ने की थी लेकिन बरसात ने उस भागमभाग की सारी पोल पट्टी खोल कर रख दी थी और मॉनसून में लगभग पूरे गुरुग्राम में भारी जलभराव किया था जिसकी वजह से गुरुग्राम के अधिकारियों की जमकर किरकिरी हुई थी और बाद में अधिकारी एक दूसरे पर दोष मढते हुए नजर आए थे ।
इस किरकिरी से इस बार की मॉनसून में बचने के लिए अधिकारियों ने अपने दौरे उन इलाको में शुरु कर दिए हैं जिन इलाको में मॉनसून का पानी इक्कट्ठा होता है और वाटर लोगिंग हो जाती है । वीरवार को गुरुग्राम नगर निगम के कमिश्नर मुकेश कुमार आहुजा जो पिछली मॉनसून से पहले कहते हुए नजर आए थे कि वो दावे नहीं बल्कि काम करते हैं, उन्होने आज गुरुग्राम के कई इलाकों का दौरा किया । निगम कमिश्नर के साथ निगम के तमाम अधिकारी भी मौजूद रहे जिनको मौके पर ही दिशा निर्देश दिए ।
नगर निगम गुरूग्राम के आयुक्त मुकेश कुमार आहुजा ने इंजीनियरिंग विंग के अधिकारियों के साथ वीरवार को शहर के विभिन्न हिस्सों का दौरा किया तथा मौके पर ही अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए ।
निगमायुक्त के साथ चीफ इंजीनियर ठाकूरलाल शर्मा, अधीक्षक अभियंता विवेक गिल, कार्यकारी अभियंता विशाल गर्ग सहित अन्य अधिकारी शहर का दौरा करने के लिए निकले। टीम ने बालभवन, मेन पंपिंग स्टेशन धनवापुर, सूर्या विहार, अंबेडकर चौक, बसई गांव के आसपास का क्षेत्र, रेलवे लाईन के आसपास का क्षेत्र, उमंग भारद्वाज चौक, सैक्टर-15/31 प्वाईंट, चंदन नगर, शीतला माता रोड़ व लैग-1, 2, 3 का जायजा लिया। निगमायुक्त ने मौके पर ही अधिकारियों से कहा कि वे मानसून आने से पूर्व जल निकासी के पुख्ता प्रबंध करने के लिए सभी जरूरी प्रक्रियाएं पूरी कर लें। उन्होंने कहा कि इसके लिए एस्टीमेट एवं टैंडरिंग की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी करें तथा समय से पूर्व बरसाती नालों की सफाई करवाना सुनिश्चित करें।
निगम के अधिकारी अभी तो अपने कर्मचारियों के साथ दौरे कर रहे हैं लेकिन जब मॉनसून में गुरुग्राम की हालत बदतर हो जाती है तो फिर यही अधिकारी वाटर लोगिंग का दोष दूसरे विभागों पर मंढते हैं । ऐसे में जरुरत है कि उन तमाम विभागों के अधिकारियों को एक बार संयुक्त रुप से ऐसी जगहों पर विजिट करना चाहिए और कोई हल निकालना चाहिए जहां पर मॉनसून में सबसे ज्यादा पानी भरता है ।