Gurugram News Network – हरियाणा का सबसे अमीर नगर निगम यानि कि गुरुग्राम नगर निगम कंगाली की कगार पर आ गया है । कर्जदार पैसा लौटा नहीं रहे हैं ऐसे में इस साल का खर्चा चलाने के लिए भी गुरुग्राम नगर निगम के पास प्रयाप्त पैसा भी नहीं है । आपको हैरानी होगी कि गुरुग्राम नगर निगम एरिया में विकास कार्य कराने के लिए गुरुग्राम नगर निगम का सालाना खर्च 1200 करोड़ रुपए से ज्यादा है लेकिन गुरुग्राम नगर निगम के खाते में मात्र 650 करोड़ रुपए ही बचे हैं ऐसे में नगर निगम के पास इस साल कर्मचारियों की सैलरी देने का भी संकट खड़ा हो सकता है ।
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक गुरुग्राम नगर निगम के कर्जदार भी पैसा लौटाने में आनाकानी कर रहे हैं । रिपोर्ट के मुताबिक गुरुग्राम मेट्रोपॉलिटियन डेवलेपमेंट अथॉरिटी (GMDA) ने भी गुरुग्राम नगर निगम को झटका दे दिया है । साल 2017-18 में गुरुग्राम नगर निगम ने जीएमडीए को 500 करोड़ रुपए का कर्ज दिया जिसे अब चुकाने में जीएमडीए आनाकानी कर रहा है । जब गुरुग्राम नगर निगम ने जीएमडीए से ये पैसे वापिस मांगे तो जवाब मिला कि शहर के विकास कार्यों में 500 करोड़ रुपए खर्च हो गए । सिर्फ ऐसा नहीं है कि नगर निगम ने जीएमडीए को ही कर्जा दिया हो बल्कि अन्य विभागों को भी करोड़ो रुपए का कर्जा दिया गया है जो अब वापिस नहीं मिल रहा है ।
गुरुग्राम नगर निगम के पास इतनी तंगी है कि चार साल पहले नगर निगम अधिकारियों ने 1077 करोड़ रुपए की एफडी को तोड़कर नगर निगम ने अपना खर्च चलाना शुरु किया । गुरुग्राम नगर निगम में प्रॉपर्टी टैक्स और विज्ञापन ही आय का मुख्य स्त्रोत है लेकिन विज्ञापन से केवल 15 करोड़ रुपए और प्रॉपर्टी टैक्स से महज 155 करोड़ रुपए ही मिल पाए हैं ।
कैसे खाली हो गया निगम का खजाना – गुरुग्राम नगर निगम का खजाना खाली होने के पीछे आंखें बंद करके बांटा गया कर्ज है जो बिना भविष्य की रणनीति बनाए अन्य सरकारी विभागों को करोड़ों रुपए की बंदरबांट कर दी गई । साल 2010 में गुरुग्राम नगर निगम ने फरीदाबाद नगर निगम को 150 करोड़ रुपए का कर्ज दिया था जो 12 साल में 50 करोड़ ब्याज के साथ 200 करोड़ रुपए हो गया लेकिन फरीदाबाद नगर निगम को कई बार पत्राचार के बाद भी फरीदाबाद नगर निगम ने ये कर्जा चुकाने में असमर्थता जताई है ।
* 2017 में जीएमडीए को 500 करोड़ का लोन दिया गया जो अब जीएमडीए की तरफ से लौटाने के लिए मना कर दिया गया है ।
* बंधवाड़ी कूड़ा प्लांट में कूड़े का निपटान नहीं होने पर एनजीटी ने प्रदेश सरकार पर 100 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया जो कि गुरुग्राम नगर निगम को ही वहन करना पड़ा । इससे पहले भी 2.80 करोड़ रुपए का जुर्माना लग चुका है ।
* हर महीने फरीदाबाद शहर का कूड़ा उठाने की एवज में गुरुग्राम नगर निगम के खजाने से ही लगभग ढाई करोड़ रुपए दिए जा रहे हैं ।
* सरकारी आदेश पर दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम का प्रदेशभर के निकायों पर बिलों के बकाया 118 करोड़ रुपए का भुगतान भी गुरुग्राम नगर निगम के खजाने से किया गया ।
ऐसे ही कर्जों की वजह से आज गुरुग्राम नगर निगम कंगाली के कगार पर आ गया है ऐसे में नगर निगम के पास अपने कर्मचारियों के वेतन देने का भी संकट खड़ा हो गया है । ये तो वही बात हो गई आमदनी चवन्नी और खर्चा रुपया, खुद के पास खाने के लिए आटा नहीं है और दूसरों के लिए भंडारे कराए जा रहे हैं ।