Gurugram: द्वारका एक्सप्रेसवे और NH-48 पर AI की ‘डिजिटल आंख’ रखेगी वाहनों पर पैनी नज़र
अत्याधुनिक प्रणाली द्वारका एक्सप्रेसवे के 28.46 किलोमीटर लंबे हिस्से (दिल्ली में शिव मूर्ति से खेड़कीदौला तक) और NH-48 के 28 किलोमीटर के हिस्से को कवर करती है।

Gurugram News Network – सड़क सुरक्षा और यातायात प्रबंधन को आधुनिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। अब द्वारका एक्सप्रेसवे और राष्ट्रीय राजमार्ग-48 (NH-48) पर वाहनों की आवाजाही पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ATMS) के ज़रिए पैनी नज़र रखी जा रही है। यह हाईटेक सिस्टम फिलहाल ट्रायल मोड में है और सामने आ रही कमियों को दूर कर इसे और भी प्रभावी बनाया जा रहा है।
56 किलोमीटर से अधिक का कॉरिडोर कवर
अत्याधुनिक प्रणाली द्वारका एक्सप्रेसवे के 28.46 किलोमीटर लंबे हिस्से (दिल्ली में शिव मूर्ति से खेड़कीदौला तक) और NH-48 के 28 किलोमीटर के हिस्से को कवर करती है। कुल मिलाकर, 56.46 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर पर AI-आधारित कैमरों की मदद से वाहनों की गति, यातायात प्रवाह और किसी भी अप्रिय घटना पर चौबीसों घंटे नज़र रखी जा रही है।
भारतीय राजमार्ग प्रबंधन कंपनी लिमिटेड (IHMCML) द्वारा विकसित यह परियोजना, वास्तविक समय में सड़क की विभिन्न स्थितियों का पता लगाने और उन पर त्वरित प्रतिक्रिया देने के लिए डिज़ाइन की गई है।
कैसे काम करता है यह हाईटेक सिस्टम
- यातायात निगरानी कैमरे: कॉरिडोर में 110 हाई-रिजॉल्यूशन पीटीजेड कैमरे लगाए गए हैं, जो हर एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। ये कैमरे यातायात पर लगातार नज़र रखते हैं।
- वीडियो-आधारित घटना का पता लगाने और प्रवर्तन उपकरण: यह सिस्टम वीडियो फुटेज के आधार पर किसी भी अप्रत्याशित घटना, जैसे दुर्घटना, वाहन खराब होना या यातायात नियमों के उल्लंघन का तुरंत पता लगाता है।
- कमांड सेंटर से निगरानी: पूरे सिस्टम की निगरानी एक केंद्रीय कमांड सेंटर से की जा रही है, जिससे आपातकालीन स्थितियों में तेज़ी से प्रतिक्रिया दी जा सके।
- ई-चालान प्लेटफार्म से जुड़ाव: यह सिस्टम NIC के ई-चालान प्लेटफार्म से भी जुड़ा हुआ है। यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों की जानकारी सीधे NIC को भेजी जाती है, जो इसे आगे की कार्रवाई के लिए जिला अधिकारियों को भेजता है।
- स्पीड डिस्प्ले और गैन्ट्री: एक्सप्रेसवे पर 15 गैन्ट्री लगाए गए हैं और छह डिस्प्ले भी स्थापित किए गए हैं जो रडार के ज़रिए वाहनों की गति दिखाते हैं, जिससे चालकों को अपनी गति के बारे में पता चलता रहता है।