Govardhan Pooja : तीन पीढियों ने मिलकर धूमधाम से किया गोवर्धन पूजन
बादशाहपुर गांव में परिवार के 50 पुरुषों ने एक साथ मिलकर गोवर्धन पूजन किया । इस त्यौहार का असली मकसद परिवारों में एकता का प्रतीक है ।

Govardhan Pooja : दिवाली के बाद बुधवार को गुरुग्राम में लोगों ने बड़े ही धूमधाम से गोवर्धन पूजन किया । इस मौके पर कई परिवारों ने एक होकर गोवर्धन पूजन किया । दिन में महिलाओं ने गाय के गोबर से पहले गोवर्धन बनाया फिर शाम को परिवारों के पुरुषों ने एक होकर गोवर्धन पूजन किया ।
बादशाहपुर गांव में परिवार के 50 पुरुषों ने एक साथ मिलकर गोवर्धन पूजन किया । इस त्यौहार का असली मकसद परिवारों में एकता का प्रतीक है । जहां एक तरफ आज के आधुनिक समय में परिवार में बिखराव होते हैं वहीं बादशाहपुर में राव जयराम के परिवार ने एकता का संदेश देते हुए परिवार के 50 पुरुषों ने एक साथ मिलकर गोवर्धन पूजन किया ।
क्यों होती है गोवर्धन पूजा ?
गोवर्धन पूजन की प्रथा द्वापर युग से होती आई है । पंडित ऋषि कौशिक ने बताया कि पौराणिक कथाओं के अनुसार द्वापर युग से पहले संसार में इंद्र देव की पूजा हुआ करती थी लेकिन भगवान श्री कृष्ण के कहने पर इंद्रदेव की पूजा को छोड़कर गाय के पूजन की प्रथा चलाई जिससे इंद्रदेव नाराज़ हो गए और धरती पर लगातार जल बरसाया । तब भगवान श्री कृष्ण ने अपनी छोटी अंगुली पर गोवर्धन पर्वत को उठाकर लोगों को भारी बारिश से बचाया ।
लगातार 7 दिनों तक बारिश बरसाने के बाद आखिरकार इंद्रदेव ने हार मान ली और तभी से गोवर्धन पर्वत, गाय और भगवान श्री कृष्ण की पूजा की जाती है । इस दिन गाय के गोबर से भगवान श्री कृष्ण की गोवर्धन पर्वत को उठाते हुए प्रतिमा बनाई जाती है और फिर शाम को उसका पूजन किया जाता है ।
बादशाहपुर गांव में हुए गोवर्धन पूजन में करतार सिंह यादव, सूबे यादव, विजय यादव, उदयराम यादव, दयाराम यादव, वेदप्रकाश यादव, ब्रह्म प्रकाश यादव, कृष्ण यादव, वीरेन्द्र यादव, प्रवीण यादव, गोविंद यादव, पवन यादव, राकेश यादव के परिवार के 50 से ज्यादा सदस्य मौजूद रहे ।