Gurugram News Network – गुरुग्राम पुलिस कितनी मुस्तैद है इसकी बानगी आज गुरुग्राम में बानगी देखने को मिली कि एक डॉक्टर के अपरहण की शिकायत देने के दस दिन बाद गुरुग्राम पुलिस ने केस दर्ज किया और आरोपियों को गिरफ्तार करके एक ही दिन में थाने से ही जमानत दे दी गई । जबकि अपहरण के अपराध में सात साल की कैद का प्रावधान है । यही नहीं बल्कि गुरुग्राम पुलिस ने इस मामले में दस दिन लगा दिए केवल FIR दर्ज करने के लिए ।
दरअसल 8 जनवरी को गुरुग्राम पुलिस के सेक्टर 40 पुलिस थाने में दी गई शिकायत के अनुसार शिकायतकर्ता डॉक्टर ने बताया है कि जब वो 7 जनवरी की शाम करीब साढे नौ बजे खाना खाने के बाद अपनी गली में वॉल्क कर रहे थे उसी समय एक सफेद रंग की अंजान गाड़ी उनके पास आकर रुकी और कार में बैठे दो लड़कों और एक लड़की ने उनका अपहरण कर लिया । अपहरण के बाद जबरदस्ती इन तीनों आरोपियों ने डॉक्टर के फोन से 25 हजार रुपए अपने अकाउंट में ट्रांसफर करा लिए ।
इसके बाद सभी आरोपियों ने धमकी देते हुए ड़क्टर से 10 हजार रुपए और लेकर आने को कहा और फिर जहां से डॉक्टर का अपहरण किया गया वहीं उनको छोड़कर फरार हो गए । डॉक्टर ने अपनी शिकायत में कहा कि वो उस रात पुलिस में शिकायत नहीं कर सके इसीलिए वो 8 जनवरी को पुलिस थाने में जाकर शिकायत कर रहे हैं । लेकिन हमारे गुरुग्राम की हाइटेक पुलिस की कार्यप्रणाली देखिए कि सेक्टर 40 पुलिस थाने की की टीम ने शिकायत लेने के दस दिनों तक पूरे मामले की जांच की और जांच में जब सामने आया कि पीड़ित डॉक्टर के अकाउंट से 25 हजार रुपए ट्रांसफर कराए गए हैं उसके बाद गुरुग्राम पुलिस ने दस दिन बीत जाने के बाद शिकायत के आधार पर अपहरण और अवैध वसूली का केस दर्ज किया । सिर्फ केस ही नहीं बल्कि आरोपियों को तफ्तीश में शामिल कराके थाने से ही जमानत दे दी गई ।
फोन पर सब इंस्पेक्टर गौरव से बात करने पर उन्होंने बताया कि पहले मामले की जांच की गई और जब मामला सही पाया गया तो शिकायत के आधार पर FIR दर्ज कर चार लोगों को जांच में शामिल कराके जमानत पर छोड़ दिया गया । वहीं FIR में जिक्र किया गया है कि शिकायत के बाद पीडित के बैंक से तस्दीक की गई और आरोप सही पाए जाने पर IPC 365 (अपहरण करना), IPC 384 (जबरदस्ती वसूली करना) और IPC 34 (जब कई लोग आपराधिक इरादे से कोई अपराध करे) के तहत FIR दर्ज की गई ।
अब यहां पर सवाल ये उठता है कि गुरुग्राम पुलिस जो अपने आप को हाइटेक पुलिस के तौर पर प्रदर्शित करती है, अगर आप अपने साथ हुए किसी अपराध की शिकायत करेंगे तो वो पहले जांच करेगी और दस दिन की जांच के बाद आपकी शिकायत पर केस दर्ज करेगी । उसके बाद आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद आरोपियों को थाने से ही जमानत भी दे देगी । जबकि जिन धाराओं में केस दर्ज किया गया है उसमें सजा का प्रावधान 7 साल की कैद का है और माननीय सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के अनुसार जिस केस में 7 या 7 साल से कम सजा का प्रावधान है केवल उसी धारा में आरोपियों को थाने से जमानत मिल सकती है ।