16 घंटे चले बचाव कार्य में 2 को जिंदा निकाला, 2 महिलाओं की हुई मौत
Gurugram News Network- गुरुग्राम के सेक्टर-109 स्थित चिंटल पैराडिसो सोसाइटी में 6 फ्लोर के लेंटर गिरने के बाद जिला प्रशासन व NDRF की टीम ने 16 घंटे तक बचाव कार्य किया गया। लगातार चले बचाव कार्य के दौरान इंडियन रेलवे सर्विस के अधिकारी ए के श्रीवास्तव को सुरक्षित बाहर निकल लिया गया। और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस हादसे में चार लोगों के फंसने की सूचना मिली थी जिसमें से दो को सुरक्षित जीवित निकालने में सफलता मिली और तमाम कोशिशों के बावजूद दो महिलाओं को बचाया नहीं जा सका। घटना के तुरंत बाद एक महिला को जीवित बाहर निकाल कर अस्पताल भेज दिया गया था।
हादसे की जांच उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने अतिरिक्त जिलाधीश विश्राम कुमार मीणा को सौंपी है। इसकी एक सप्ताह में रिपोर्ट तैयार कर सौंपने को कहा गया है। वहीं मामले में बजघेड़ा थाना पुलिस ने IPC 304 ए के तहत बिल्डर व सोसाइटी का निर्माण करने वाले ठेकेदार के खिलाफ केस दर्ज़ किया है। उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने सोसाइटी के निवासियों से बात की और उन्हें विश्वास दिलाया कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने इस दौरान सोसाइटी के अन्य निवासियों से धैर्य बनाए रखने की भी अपील की।
जिला प्रशासन को वीरवार देर सांय सूचना मिली कि सेक्टर-109 में चिंटल पैराडिसो सोसाइटी में छठी मंजिल पर डाइनिंग रूम की छत गिर गई और इसी प्रकार पहली मंजिल तक छत गिरती चली गई। इसकी सूचना मिलते ही उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने तत्काल वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों तथा सिविल डिफेंस की टीम को मौके पर भेजा। इस दौरान उन्होंने नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट फ़ोर्स (NDRF) और SDRF को भी सूचित करते हुए मौके पर पहुंचने के लिए कहा। इस बीच गुरुग्राम पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीमें भी वहां पहुंच गई और उन्होंने एक महिला को उसी समय जीवित निकाल लिया। इसके बाद पता चला कि तीन लोग और मलबे में फंसे हुए हैं, जिनको निकालने के लिए राहत व बचाव कार्य तत्काल शुरू किए गए।
उपायुक्त निशांत कुमार यादव, अतिरिक्त उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा, पुलिस आयुक्त के के राव, डीसीपी दीपक, एसडीएम अंकिता चौधरी , मेडिकल टीम सहित बादशाहपुर के विधायक राकेश दौलताबाद भी देर रात तक मौके पर रहे जिनकी देखरेख में राहत व बचाव कार्य किया गया। देर रात बिल्डिंग की दूसरी मंजिल से एक महिला को मृत निकाला गया। इस दौरान पहली मंजिल पर फंसे श्री ए के श्रीवास्तव तथा एक महिला को निकालने का कार्य जारी रहा। श्रीवास्तव का दाहिने पांव पर छत का लेंटर सीधा गिर गया था जिसके कारण वे निकल नहीं पा रहे थे। मलबा इतना ज्यादा था कि उसे उठाना भी कठिन था। इस बीच एक सुझाव यह आया कि श्री श्रीवास्तव के पांव को काटकर उन्हें बाहर निकाल दिया जाए, लेकिन उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने सिविल सर्जन की टीम को इस पहलू पर विचार करने के लिए कहा, जिस पर टीम ने पांव काटना मुनासिब नहीं समझा। फिर उपायुक्त ने निर्णय लिया कि जितना मलबा हटाया जा सकता है उसे हटाया जाए। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने श्री श्रीवास्तव को आईवी फल्यूड और सेडिशन की दवाएं देकर रखीं ताकि उसे दर्द महसूस न हो। मलबा भले ही उनके पांव पर गिरा था लेकिन उनके पैर में फ्रेक्चर तक नहीं हुआ था, जिसके बाद मलबा हटाने का कार्य जारी रखा गया।
सुबह तक मलबे के नीचे दबे पांव को नहीं निकला जा सका था। काफी हद एक मलबा हटने के बाद सिविल सर्जन व उनकी टीम ने उन्हें सेडेटिव देकर मलबे के नीचे से पांव को खींचकर बाहर निकालने की योजना बनाई लेकिन उनका जूता उसमें आड़े आ रहा था। पांव के हिस्से को नारियल तेल से चिकना करके उनके पांव को सुरक्षित निकालने में सफलता हासिल की। उन्हें मैक्स हॉस्पिटल ने इलाज के लिए भेज दिया गया। जब श्रीवास्तव को स्ट्रेचर पर बाहर निकालकर लाया गया तो वहां उपस्थित रेजिडेंटस ने जिला प्रशासन और NDRF के प्रयासो की सराहना की और तालियां बजाकर उनका मनोबल बढ़ाया। इसके बाद पहली मंजिल पर फंसी महिला को निकालने का कार्य शुरू किया गया, जोकि चिकित्सकों द्वारा मृत घोषित की गई।