Delhi-Jaipur highway पर जाम से मिलेगी राहत, पचगांव चौक पर अब 900 मीटर एलिवेटेड कॉरिडोर बनेगा
NHAI ने टोल शिफ्टिंग और स्थानीय लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए, अब RE वॉल आधारित फ्लाईओवर की जगह एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने का निर्णय लिया है।

Delhi-Jaipur highway : दिल्ली-जयपुर नेशनल हाईवे (NH-48) पर यात्रियों को जल्द ही पचगांव चौक के पास लगने वाले भीषण जाम से बड़ी राहत मिलने वाली है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने यहाँ प्रस्तावित फ्लाईओवर के निर्माण योजना में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। अब यह फ्लाईओवर रीइन्फोर्स्ड अर्थ (RE) वॉल आधारित न होकर, वायडक्ट या एलिवेटेड कॉरिडोर के रूप में बनाया जाएगा। इस बदलाव के बाद, हाईवे का लगभग 900 मीटर का हिस्सा पिलरों पर निर्मित होगा।
शुरुआत में, पचगांव चौक पर फ्लाईओवर बनाने की योजना थी, लेकिन इस बीच खेड़कीदौला टोल को यहाँ से हटाने और कुकरौला में शिफ्ट करने की प्रक्रिया शुरू हो गई। इस दौरान, स्थानीय ग्रामीणों ने टोल का विरोध करते हुए, फ्लाईओवर या अंडरपास निर्माण की मांग की थी।
NHAI ने टोल शिफ्टिंग और स्थानीय लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए, अब RE वॉल आधारित फ्लाईओवर की जगह एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने का निर्णय लिया है।
एलिवेटेड कॉरिडोर बनने से दिल्ली या जयपुर की ओर जाने वाले वाहन ऊपर से गुजरेंगे, जिससे चौक पर यातायात बाधित नहीं होगा और जाम की समस्या खत्म हो जाएगी। स्थानीय ग्रामीण और वाहन चालक आसानी से एलिवेटेड रोड के नीचे से हाईवे का प्रयोग कर सकेंगे, जिससे उन्हें बड़ी राहत मिलेगी।
वायडक्ट/एलिवेटेड कॉरिडोर को पिलर पर बनाया जाता है, जिससे आसपास के क्षेत्रों की दृश्यता बाधित नहीं होती। RE वॉल आधारित निर्माण में यह संभव नहीं हो पाता।पिलर आधारित निर्माण: यह कॉरिडोर सोहना हाईवे और द्वारका एक्सप्रेसवे की तर्ज पर एक पिलर पर सड़क निर्माण तकनीक पर आधारित होगा।
NHAI के डिप्टी मैनेजर प्रकाश तिवारी ने इस बदलाव की पुष्टि करते हुए बताया कि पचगांव चौक पर हाईवे के 900 मीटर हिस्से को एलिवेटेड कॉरिडोर में बदलने पर करीब 50 करोड़ रुपये का खर्च आ सकता है। यह कदम दिल्ली-जयपुर हाईवे को जाम मुक्त बनाने की NHAI की व्यापक योजना का हिस्सा है, जिसके तहत गुरुग्राम से रेवाड़ी तक कई स्थानों पर फ्लाईओवर और अंडरपास का निर्माण किया जा रहा है।