इजरायल ने सीरिया के अलेप्पो में गुरुवार रात एक बड़ा और भीषण हमला किया। यह हमला सीरियाई सेना के सैन्य ठिकानों और रक्षा सुविधाओं पर किया गया। सीरियाई मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हमले के दौरान कई विस्फोट हुए और इससे क्षेत्र में जबरदस्त धमाके सुनाई दिए। रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया कि हमले के बाद इलाके में काफी धुंआ और आग दिखाई दी, जिससे वातावरण में अंधेरा छा गया था।
सीरिया के अलेप्पो क्षेत्र में किए गए इस हमले में मुख्य रूप से सैन्य रक्षा ठिकाने और रिसर्च सेंटर को निशाना बनाया गया। हमले के बाद, कुछ स्थानीय लोगों ने बताया कि विस्फोट इतने ज़ोरदार थे कि जमीन हिल उठी। एक स्थानीय निवासी ने कहा कि हमले ने रात को दिन जैसा बना दिया। सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने भी बताया कि अलेप्पो के दक्षिण में स्थित रक्षा कारखानों पर इजरायल द्वारा की गई हवाई हमलों के बाद कम से कम सात बड़े विस्फोट सुने गए थे।
इस हमले के बारे में अभी तक कोई सूचना नहीं आई है कि इसमें किसी को नुकसान पहुंचा है या नहीं। हालांकि, हमले के बाद कुछ स्थानों पर बड़े पैमाने पर नुकसान की खबरें आई हैं, लेकिन हताहतों की संख्या के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिली है।
इस हमले के पीछे इजरायल का उद्देश्य सीरिया की सैन्य क्षमताओं को नष्ट करना और वहां स्थित ईरानी और शिया मिलिशिया बलों के ठिकानों को निशाना बनाना हो सकता है। इजरायल अक्सर इस तरह के हमले करता रहता है, खासकर सीरिया में ईरानी सेना और उसके सहयोगियों के ठिकानों पर। इजरायल का मानना है कि इन ठिकानों से उसे अपनी सुरक्षा को खतरा हो सकता है, और वह इन ठिकानों को तबाह करने के लिए हवाई हमले करता रहता है।
इजरायल और सीरिया के बीच लंबे समय से तनाव बना हुआ है। पिछले कुछ वर्षों में, इजरायल ने सीरिया में कई सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले किए हैं, जिससे दोनों देशों के रिश्तों में और भी तनाव बढ़ गया है। यह हमला उस समय हुआ है जब सीरिया में पहले से ही गृहयुद्ध की स्थिति बनी हुई है, जिसमें कई विदेशी ताकतें भी शामिल हैं।
इस हमले के बाद सीरिया की सरकार ने इजरायल के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, और कई अंतरराष्ट्रीय संगठन भी इस हमले की निंदा कर रहे हैं। सीरिया की सरकार का आरोप है कि इजरायल इन हमलों के जरिए उसकी संप्रभुता का उल्लंघन कर रहा है और सीरिया में अस्थिरता फैलाने का प्रयास कर रहा है।
हालांकि, इस हमले का कोई राजनीतिक या रणनीतिक परिणाम नहीं अभी तक सामने आया है, लेकिन इससे सीरिया और इजरायल के रिश्तों में और तनाव बढ़ने की संभावना है। इन घटनाओं के बाद यह साफ है कि सीरिया के भीतर इजरायल और अन्य देशों के बीच संघर्ष लगातार जारी रहेगा।