Movie prime

Haryana: हरियाणा में तेजी से बढ़ रही प्रत्येक हरियाणवी की आय, प्रदेश के कर्ज में भी हो रही बढ़ोतरी

 

 Haryana: हरियाणा सरकार के साल 2025-26 के बजट अनुमानों में जहां राज्य पर कर्ज बढ़ता नजर आ रहा है, वहीं प्रति व्यक्ति आय में भी वृद्धि होने की संभावना है। हरियाणा पर अगले वित्तीय वर्ष में 3 लाख 52 हजार 819 करोड़ रुपये का कर्ज हो गया है, जबकि प्रति व्यक्ति आय 3 लाख 53 हजार 182 रुपये रहने की उम्मीद है। 

देश के बड़े राज्यों में हरियाणा की प्रति व्यक्ति आय सबसे अधिक है, जबकि राष्ट्रीय औसत 2 लाख 5 हजार 579 रुपये प्रति व्यक्ति का है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने साल 2025-26 के लिए 2 लाख 5 हजार 17 करोड़ रुपये का बजट पेश किया है, जो कि पिछले साल के संशोधित बजट 1 लाख 80 हजार करोड़ रुपये से 13 प्रतिशत अधिक है।

सबसे अधिक खींचतान राज्य पर बढ़ रहे कर्ज को लेकर है। साल 2014-15 में राज्य पर 70 हजार 925 करोड़ रुपये का कर्ज था, जो साल 2025-26 में 3 लाख 52 हजार 819 करोड़ रुपये होने वाला है। 

कर्ज के आंकड़े को सही नहीं मानते पूर्व सीएम 

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा राज्य सरकार के कर्ज के इस आंकड़े को सही नहीं मानते। उनकी नजर में राज्य का कर्ज 5 लाख 16 हजार करोड़ रुपये है, जिसमें 48 हजार करोड़ रुपये स्माल सेविंग, 68 हजार 995 करोड़ रुपये पब्लिक सेक्टर इंटरप्राइजेज और 46 हजार 193 करोड़ रुपये की अन्य देनदारियां शामिल हैं। 

मुख्यमंत्री नायब सैनी कर्ज संबंधी विपक्ष के इन आंकड़ों को ठोस दलीलों के आधार पर खारिज कर रहे हैं। उनकी दलील है कि हरियाणा का कर्ज जीएसडीपी के 33.1 प्रतिशत तक कर्ज लेने के मानकों के अनुरूप है। राज्य का कर्ज जीएसडीपी का सिर्फ 26.18 प्रतिशत है, जो कि किसी सूरत में खतरनाक श्रेणी में नहीं आता। 

इसके विपरीत राज्य की प्रति व्यक्ति आय बढ़कर 3 लाख 53 हजार 182 रुपये होने वाली है, जो कि पिछले साल 3 लाख 19 हजार 363 रुपये थी। हरियाणा की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से करीब डेढ़ लाख रुपये अधिक है, जो कि राज्य की उत्तरोत्तर प्रगति का प्रतीक है।

बढ़ेगी केंद्रीय और स्वयं के करों की हिस्सेदारी

केंद्रीय करों की हिस्सेदारी में भी इस साल बढ़ोतरी होने की पूरी संभावना है। साल 2024-25 में हरियाणा को केंद्रीय करों की हिस्सेदारी के रूप में 14 हजार 65 करोड़ रुपये ही मिल पाए थे, जबकि साल 2025-26 में यह राशि बढ़कर 15 हजार 547 करोड़ रुपये होने की संभावना है। 

राज्य सरकार के अपने स्वयं के टैक्स राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी। पिछले साल हरियाणा को स्वयं के टैक्स से 81 हजार 944 करोड रुपये मिले थे, जबकि इस बार यह राशि 92 हजार 144 करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है।

केंद्र से मिलेगा ज्यादा अनुदान

सरकार इस बार पूंजीगत खर्च में बढ़ोतरी करने वाली है। पिछले साल 16 हजार 98 करोड़ रुपये पूंजीगत खर्च था, जो कि इस बार 20 हजार 812 करोड़ रुपये रहने की संभावना है। राज्य का बढ़ता पूंजीगत खर्च विकास की तरफ इशारा करता है। 

राज्य में राजस्व प्राप्तियां भी इस बार बढ़ने की संभावना है। पिछले साल 1 लाख 12 हजार 624 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्तियों के विपरीत साल 2025-26 में राजस्व प्राप्तियां 1 लाख 27 हजार 816 करोड़ रुपये रहने वाली है।

News Hub