Gurugram: विकसित राष्ट्र निर्माण में शहरी निकायों की अहम भूमिका: ओम बिरला
लोकसभा अध्यक्ष ने आगे कहा कि देश को नई दिशा देने में राष्ट्र की सबसे छोटी इकाई के रूप में कार्य कर रही शहरी निकाय अब मजबूती से आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि आज हम उज्ज्वल भविष्य के साथ भारत की लोकतांत्रिक संस्था को मजबूत करने के लिए कैसे आगे बढ़ें, इसी सोच को चरितार्थ करने के लिए एकत्रित हुए हैं।

Gurugram News Network – लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज गुरुग्राम के मानेसर स्थित आईकैट-2 परिसर सभागार में आयोजित प्रथम दो दिवसीय शहरी निकाय राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए कहा कि लोकतंत्र को मजबूत बनाने में शहरी निकायों की अहम भूमिका है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शहरी निकाय प्रतिनिधियों को नवाचार पद्धति, सशक्त मार्गदर्शन और व्यवहार कुशलता के साथ विकसित भारत के विजन 2047 को सामने रखकर अपना दायित्व निभाना होगा।
सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी और हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष श्री हरविन्द्र कल्याण ने लोकसभा अध्यक्ष के साथ दीप प्रज्वलन कर विधिवत रूप से कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान हरियाणा विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. कृष्ण लाल मिड्ढा, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह, शहरी निकाय मंत्री विपुल गोयल और लोकसभा सचिवालय के महासचिव श्री उत्पल कुमार सिंह भी उपस्थित रहे।
ओम बिरला ने देशभर से आए जनप्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा, “सभी संकल्प लें कि मेरा निगम, मेरा परिषद, मेरी नगर पालिका और मेरा शहर दुनिया के स्वच्छ व सुंदर शहरों में शुमार हो।” उन्होंने कहा कि शहरी निकाय जनप्रतिनिधि यदि सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ कदम बढ़ाएं, तो वे निश्चित तौर पर शहरी क्षेत्र में ऊर्जावान बदलाव ला सकते हैं।
लोकसभा अध्यक्ष ने आगे कहा कि देश को नई दिशा देने में राष्ट्र की सबसे छोटी इकाई के रूप में कार्य कर रही शहरी निकाय अब मजबूती से आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि आज हम उज्ज्वल भविष्य के साथ भारत की लोकतांत्रिक संस्था को मजबूत करने के लिए कैसे आगे बढ़ें, इसी सोच को चरितार्थ करने के लिए एकत्रित हुए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि इन दो दिनों में शहरी निकाय प्रतिनिधि चर्चा, संवाद, नवाचार पद्धति और अपने कुशल सुझाव व अनुभवों को साझा करते हुए नया भारत-विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने में भागीदार बनेंगे।
बिरला ने यह भी रेखांकित किया कि राष्ट्र निर्माण में शहरी स्थानीय निकायों की अतुलनीय भूमिका है, जहां जनप्रतिनिधि जमीनी स्तर पर लोगों की समस्याओं को सुनते हुए उनका समाधान सुनिश्चित करते हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में लोकसभा, विधानसभा के साथ ही शहरी व पंचायती संस्थाएं आमजन से जुड़ाव का सशक्त माध्यम बनती हैं। जनहित के लिए लोकसभा व विधानसभा जहां नए कानून बनाती है और उनके क्रियान्वयन में कार्यपालिका की सक्रिय सहभागिता है। उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि स्थानीय स्वशासन लोकतंत्र का मजबूत स्तंभ है और लोकतंत्र को जड़ों तक पहुंचाने में नगरीय निकायों की भूमिका सबसे अहम है।