Gurugram News Network – अधिकारियों की मनमानी कहें या कुछ और कि गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (GMDA) के ज्यादातर पद या तो रिटायर्ड अधिकारियों से भरे हुए हैं या इन अधिकारियों के रिश्तेदारों और सिफारशियों से भरे हुए हैं। इनसे न तो विभाग पूरी तरह से काम ले पा रहा है और न ही इन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। इन्हें दिए जाने वाले वेतन से विभाग का खजाना खाली हो रहा है सो अलग। वहीं, दूसरी तरफ प्रशिक्षित बेरोजगार युवा रोजगार की तलाश में भटक रहे हैं, जिन्हें इन सिफारशियों और रिटायर्ड हो चुके अधिकारियों के कारण दर-दर की ठोकरें खाने को विवश होना पड़ रहा है।
दरअसल, गुरुग्राम के महावीर पुरा के रहने वाले आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता तरविंद्र सैनी ने GMDA में पिछले दिनों आरटीआई दाखिल की थी। इसमें अधिकारियों से पूछा गया था कि विभाग में कितने रिटायर्ड अधिकारियों को लगाया गया है और उन पर कितना खर्च किया जा रहा है। तरविंद्र सैनी ने बताया कि फरवरी 2023 में उन्हें आरटीआई का जवाब भेजा गया जिसमें 49 रिटायर्ड अधिकारियों की सूची उन्हें सौंपी गई जो कि अलग-अलग विभागों से रिटायर्ड हैं और GMDA में उन्हें उंचे पदों पर भर्ती कर मोटी सेलरी दी जा रही है।
इन्हें करीब 34 लाख रुपए मासिक वेतन दिए जाने के साथ ही करीब 12 लाख रुपए वाहनों पर खर्च किए जा रहे हैं। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता तरविंद्र सैनी ने आरोप लगाया कि इन रिटायर्ड अधिकारियों द्वारा अपने रिश्तेदारों और परिचितों को भी अलग-अलग पदों पर सिफारिश के जरिए भर्ती कराया गया है। एक रिटायर्ड अधिकारी ने खुद भी विभाग में अच्छे पद पर आसीन रहते हुए अपनी पुत्रवधू को भी विभाग में पीआरओ के पद पर लगवा दिया। इतना ही नहीं उन्हें विभाग से गाड़ी भी उपलब्ध करा दी। इसके साथ ही कई अन्य कर्मचारी भी ऐसे हैं जो इसी तरह से अलग-अलग पदों पर आसीन हैं।
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता तरविंद्र सैनी ने बताया कि आज युवा बेरोजगार घूम रहे हैं। सरकारी नौकरी के लिए वर्षों तक तैयारी करते हैं, लेकिन सरकार और प्रशासनिक अधिकारी उन्हें नौकरी देने की बजाय रिटायर्ड अधिकारियों को ही वापस विभाग में लगा रहे हैं। जब इन अधिकारियों को GMDA में लगाना ही था तो रिटायमेंट करने की जरूरत ही क्या थी। वैसे तो सरकार ने रिटायमेंट के लिए उम्र निर्धारित की हुई है, लेकिन यह नियम केवल उन्हीं पर लागू होता है जो उंची पहुंच नहीं रखते। यही कारण है कि आज युवा बेरोजगार घूम रहा है और रिटायर्ड अधिकारी पेंशन लेने के साथ ही विभाग में कार्य करते हुए वेतन भी ले रहा है। वहीं, मामले में जीएमडीए की पीआरओ नेहा शर्मा ने कहा उन्हें विभाग से नियमानुसार वाहन दिया गया है। उन पर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं।