Gurugram News Network –कहते हैं जीते जी रक्तदान और जाते जाते नेत्रदान, लेकिन इन दिनों पुलिस ही नेत्रदान के लिए बाधा बन रही है। यहां एक प्राइवेट अस्पताल की लापरवाही से 22 साल की युवती से मौत हो गई और परिजनों ने नेत्रदान की इच्छा जताई तो पुलिस ही इसमें बाधा उत्पन्न करने लगी और परिजनों को नेत्रदान किए जाने से मना कर दिया। पुलिस की इस कार्यशैली ने विवाद खड़ा कर दिया, लेकिन परिजनों ने जब हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज से संपर्क किया तो गृहमंत्री के हस्तक्षेप के बाद पुलिस हरकत में आई और युवती का नेत्रदान कराया।
जानकारी के मुताबिक, नेहरू लेन के रहने वाले सौरभ छाबड़ा ने बताया कि उनकी बहन सिमरन एमए की छात्रा थी जिसे बुखार होने पर वह जगदंबा अस्पताल ले गए थे। इस दौरान डॉक्टर रोहित ललित ने जांच के बाद उनकी बहन को इंजेक्शन लगा दिया जिसके कुछ देर बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी। तबीयत बिगड़ती देख वह अपनी बहन को लेकर आर्यन अस्पताल गए जहां उसे मृत घोषित कर दिया। इस मामले की सूचना आर्यन अस्पताल की तरफ से पुलिस को दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव कब्जे में लिया।
सौरभ ने बताया कि उसने पुलिस से आग्रह किया कि वह अपनी बहन का नेत्रदान करना चाहते हैं ताकि दो लोगों का जीवन रोशन हो सके, लेकिन हैरत की बात यह है कि पुलिस ने उन्हें नेत्रदान करने से मना कर दिया। इसका उन्होंने विरोध किया और बताया कि मरने के छह घंटे के भीतर ही नेत्रदान हो सकता है, लेकिन न्यू कॉलोनी थाना पुलिस मामले में अड़ी रही। इस पर परिजनों ने गृहमंत्री अनिल विज से संपर्क किया और मामले में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाया। अनिल विज ने मामले में संज्ञान लेते हुए पुलिस को नेत्रदान कराने के निर्देश दिए जिसके बाद न्यू कॉलोनी थाना पुलिस मृत युवती के नेत्रदान के लिए राजी हुई। फिलहाल पुलिस शव का पोस्टमार्टम करा रही है। पोस्टमार्टम के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।