कोलकाता में उठी आवाज, बांग्लादेश में हिंदुओं के लिए सुरक्षा की मांग
बंगाली हिंदू सुरक्षा समिति’ ने किया बड़ा प्रदर्शन।
बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में कोलकाता में कई संगठनों ने प्रदर्शन जारी किए हैं। ‘बंगाली हिंदू सुरक्षा समिति’ ने रानी रश्मोनी एवेन्यू पर एक बड़ी जनसभा आयोजित की, जिसमें बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों और मंदिरों के विध्वंस की निंदा की गई। उन्होंने बांग्लादेश इस्कॉन के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास की बिना शर्त रिहाई की भी मांग की।
पश्चिम बंगाल बीजेपी के पूर्व उपाध्यक्ष और पूर्व सांसद दिलीप घोष ने इस सभा में कहा कि बांग्लादेश की स्वतंत्रता के बाद से ही दोनों बंगाल में विजय दिवस मनाया जाता है। उन्होंने चिंता जताई कि जिस देश को भारत ने आजादी दिलाई, वह अब फिर से पाकिस्तान की ओर झुकता जा रहा है। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने की आवश्यकता पर जोर भी दिया।
बीजेपी सांसद ज्योतिर्मय सिंह महतो ने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों को पूरा भारतीय हिंदू समाज देख रहा है। उन्होंने पश्चिम बंगाल में साधु-संतों के नेतृत्व में हो रहे जमावड़े का समर्थन किया और एक बंगाली हिंदू होने के नाते अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
आचार्य संजय शास्त्री ने बांग्लादेश में हिंदुओं के नरसंहार, मंदिरों में तोड़फोड़ और चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के खिलाफ आवाज उठाने के लिए इस सभा में भाग लिया। उन्होंने इन घटनाओं की कड़ी निंदा की और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की मांग की।
इसके अलावा, कोलकाता के बड़ा बाजार क्षेत्र और नदिया जिले के राणाघाट में भी रैलियां आयोजित की गईं, जहां प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश सरकार से अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की। अलीपुर अदालत में वकीलों ने बांग्लादेश में हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास के मामले में जल्द सुनवाई की मांग करते हुए प्रदर्शन किया।
इन प्रदर्शनों के माध्यम से, कोलकाता के नागरिकों और संगठनों ने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ अपनी एकजुटता और समर्थन व्यक्त किया है। वे बांग्लादेश सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग कर रहे हैं ताकि अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान किया जा सके। बांग्लादेश में हिंदू भिक्षुओं की गिरफ्तारी पर इस्कॉन ने भी कड़ी चिंता व्यक्त की है।