बल्लभगढ़ शहर में इन दिनों सार्वजनिक परिवहन के किराए में भारी बढ़ोतरी ने यात्रियों की जेब पर असर डाल दिया है। विशेषकर उन यात्रियों के लिए जो अमृतसर, बैजनाथ और शिमला जैसी प्रमुख स्थलों की यात्रा करते हैं। यह बढ़ोतरी हाल ही में सरकारी नीतियों और परिवहन खर्चों में वृद्धि के कारण हुई है, जिससे यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
अमृतसर, बैजनाथ और शिमला जाने वाली बसों के किराए में यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से डीजल की कीमतों में वृद्धि और बस संचालन में आने वाली अन्य खर्चों के कारण हुई है। इन स्थलों के लिए यात्रा करने वाले लोग पहले 500-700 रुपये का किराया चुका कर आराम से यात्रा कर सकते थे, लेकिन अब यह बढ़कर 800-1000 रुपये तक पहुंच गया है। यह बढ़ोतरी उन यात्रियों के लिए समस्या बन गई है, जो नियमित रूप से इन मार्गों पर यात्रा करते हैं।
वहीं, बस ऑपरेटरों का कहना है कि डीजल की कीमतों में वृद्धि और अन्य ऑपरेशनल खर्चों के कारण उन्हें किराए में बढ़ोतरी करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। हालांकि, वे यात्रियों की परेशानी को समझते हुए किफायती दरों पर यात्रा उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, फिर भी यह बढ़ी हुई दरें आम आदमी के बजट पर भारी पड़ रही हैं।
यात्रियों ने इस बढ़ोतरी को लेकर विरोध प्रदर्शन भी शुरू कर दिया है। कई यात्रियों का कहना है कि सरकारी योजनाओं का लाभ उन्हें तभी मिलेगा जब सार्वजनिक परिवहन की लागत नियंत्रित रहेगी। कुछ यात्रियों ने तो यह भी सुझाव दिया कि सरकार को डीजल की कीमतों में राहत देने के लिए कदम उठाने चाहिए, ताकि परिवहन क्षेत्र पर असर कम पड़े और यात्रियों को राहत मिले।
इसके अलावा, स्थानीय प्रशासन से भी यह अपेक्षाएं जताई जा रही हैं कि वे किराए की वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी कदम उठाएं। यात्री संगठनों का कहना है कि यदि बस ऑपरेटरों पर नियंत्रण रखा जाता तो इस बढ़ोतरी को रोका जा सकता था।
इस बढ़ोतरी ने बल्लभगढ़ में लंबी दूरी की यात्रा करने वालों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं और अब लोग सस्ते और सुविधाजनक विकल्पों की तलाश कर रहे हैं।