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Property Registration: बदल गए जमीन रजिस्ट्री के ये 4 बड़े नियम, जानिए अब कैसे होगी रजिस्ट्री?

जमीन और प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो संपत्ति से कानूनी स्वामित्व को सुनिश्चित करती है। हाल ही में सरकार ने जमीन रजिस्ट्री प्रक्रिया में कई बदलाव किए गए हैं। ये बदलाव 2025 से लागू होंगे।

जमीन और प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो संपत्ति से कानूनी स्वामित्व को सुनिश्चित करती है। हाल ही में सरकार ने जमीन रजिस्ट्री प्रक्रिया में कई बदलाव किए गए हैं। ये बदलाव 2025 से लागू होंगे।

इन नियमों का उद्देश्य रजिस्ट्री प्रक्रिया को आसान बनाना है।आज हम आपको जमीन रजिस्ट्री 2025 के 4 नए नियमों को बारे में बताने वाले हैं। इन नए नियमों का आम जनता पर क्या प्रभाव होगा।
जमीन रजिस्ट्री 2025: एक नजर में

जमीन रजिस्ट्री 2025 के नए नियमों को समझने से पहले आइए एक नजर में इस योजना की मुख्य बातें जान लेते हैं:

योजना का नाम जमीन रजिस्ट्री 2025

लागू होने की तिथि 1 जनवरी, 2025
उद्देश्य प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाना
लाभार्थी सभी प्रॉपर्टी खरीदार और विक्रेता
प्रमुख बदलाव डिजिटल रजिस्ट्रेशन, आधार लिंकिंग, वीडियो रिकॉर्डिंग, ऑनलाइन फीस भुगतान
लागू क्षेत्र पूरे भारत में
नोडल मंत्रालय भूमि संसाधन मंत्रालय
अपेक्षित लाभ धोखाधड़ी में कमी, समय की बचत, पारदर्शिता में वृद्धि

जमीन रजिस्ट्री 2025 के 4 नए नियम
जमीन रजिस्ट्री 2025 के तहत चार प्रमुख नए नियम लागू किए जा रहे हैं। आइए इन नियमों को विस्तार से समझें:

1. डिजिटल रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया
जमीन रजिस्ट्री की पूरी प्रक्रिया अब डिजिटल हो जाएगी। इसका मतलब है कि अब कागजी कार्यवाही की जगह कंप्यूटर और इंटरनेट का इस्तेमाल किया जाएगा। इस नए नियम के तहत:

सभी दस्तावेज डिजिटल फॉर्मेट में जमा किए जाएंगे
रजिस्ट्रार के दफ्तर में जाने की जरूरत नहीं होगी
घर बैठे ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया जा सकेगा
डिजिटल सिग्नेचर का उपयोग किया जाएगा
रजिस्ट्री के बाद तुरंत डिजिटल सर्टिफिकेट मिलेगा
यह बदलाव प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को तेज और आसान बनाएगा। साथ ही इससे भ्रष्टाचार और मानवीय गलतियों की संभावना भी कम होगी।

2. आधार कार्ड से लिंकिंग
दूसरा महत्वपूर्ण नियम है प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन को आधार कार्ड से जोड़ना। इस नियम के अनुसार:

प्रॉपर्टी खरीदने या बेचने वाले व्यक्ति को अपना आधार कार्ड लिंक करना होगा
आधार कार्ड से बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन किया जाएगा
यह सुनिश्चित करेगा कि रजिस्ट्री करने वाला व्यक्ति वही है जो होना चाहिए
फर्जी रजिस्ट्री की संभावना खत्म हो जाएगी
प्रॉपर्टी का रिकॉर्ड आधार से जुड़ जाएगा, जिससे ट्रैकिंग आसान होगी
आधार लिंकिंग से प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुरक्षा बढ़ेगी। यह धोखाधड़ी और बेनामी संपत्ति के मामलों को रोकने में मदद करेगा।

3. वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य
तीसरा नया नियम है रजिस्ट्री प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग। इस नियम के तहत:

रजिस्ट्री के समय पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी
खरीदार और विक्रेता का बयान रिकॉर्ड किया जाएगा
वीडियो रिकॉर्डिंग सरकारी सर्वर पर सुरक्षित रखी जाएगी
भविष्य में किसी विवाद की स्थिति में यह वीडियो सबूत के रूप में काम आएगी
यह सुनिश्चित करेगा कि रजिस्ट्री स्वेच्छा से और बिना किसी दबाव के की गई है
वीडियो रिकॉर्डिंग से रजिस्ट्री प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी और भविष्य में होने वाले विवादों को कम करने में मदद मिलेगी।

4. ऑनलाइन फीस भुगतान
चौथा नया नियम है रजिस्ट्री फीस का ऑनलाइन भुगतान। इस नियम के अनुसार:

रजिस्ट्री फीस और स्टांप ड्यूटी का भुगतान ऑनलाइन किया जाएगा
डिजिटल पेमेंट गेटवे का उपयोग किया जाएगा
क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग, UPI जैसे विकल्प उपलब्ध होंगे
फीस के भुगतान की तुरंत पुष्टि मिलेगी
नकद लेनदेन पूरी तरह बंद हो जाएगा
ऑनलाइन फीस भुगतान से प्रक्रिया तेज और पारदर्शी होगी। साथ ही यह भ्रष्टाचार और काले धन के इस्तेमाल को रोकने में मदद करेगा।

जमीन रजिस्ट्री 2025: क्या बदलेगा?
जमीन रजिस्ट्री 2025 के नए नियमों से प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया में कई महत्वपूर्ण बदलाव आएंगे। आइए इन बदलावों को समझें:

रजिस्ट्री प्रक्रिया में सुधार
समय की बचत: डिजिटल प्रक्रिया से रजिस्ट्री का समय घटकर कुछ घंटों का हो जाएगा
कागजी कार्रवाई में कमी: सभी दस्तावेज डिजिटल होंगे, जिससे कागज की बचत होगी
24×7 सुविधा: किसी भी समय रजिस्ट्री की जा सकेगी, कार्यालय समय की बाध्यता नहीं होगी
गलतियों में कमी: कंप्यूटरीकृत प्रक्रिया से मानवीय गलतियां कम होंगी

सुरक्षा में वृद्धि
फर्जी रजिस्ट्री पर रोक: आधार लिंकिंग से फर्जी रजिस्ट्री की संभावना खत्म होगी
बेनामी संपत्ति पर अंकुश: हर प्रॉपर्टी का मालिक आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा
विवादों में कमी: वीडियो रिकॉर्डिंग भविष्य के विवादों को कम करेगी
डेटा सुरक्षा: सभी जानकारी सुरक्षित सरकारी सर्वर पर रखी जाएगी

पारदर्शिता में बढ़ोतरी
ऑनलाइन रिकॉर्ड: किसी भी प्रॉपर्टी का रिकॉर्ड ऑनलाइन देखा जा सकेगा
फीस की जानकारी: रजिस्ट्री फीस और स्टांप ड्यूटी की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होगी
प्रक्रिया की जानकारी: रजिस्ट्री की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन ट्रैक की जा सकेगी
भ्रष्टाचार में कमी: डिजिटल भुगतान से रिश्वत और काले धन पर रोक लगेगी

उपभोक्ता सुविधा
घर बैठे सेवा: रजिस्ट्रार के दफ्तर जाने की जरूरत नहीं होगी
कम खर्च: यात्रा और अन्य खर्चों में कमी आएगी
तेज प्रक्रिया: रजिस्ट्री के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा
आसान भुगतान: विभिन्न डिजिटल भुगतान विकल्प उपलब्ध होंगे

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