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सरकारी अस्पताल में इलाज के नाम पर मिली मौत

Gurugram News Network- स्मार्ट सिटी गुरुग्राम के सरकारी अस्पताल में इलाज कराने के लिए आपको अपनी जान दांव न लगानी पड़ जाए। लापरवाही के कारण अस्पताल में इलाज के इंतजार में मरीज दम तोड़ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सेक्टर-10 नागरिक अस्पताल में देखने को मिला है। एक्सीडेंट में घायल हुए मरीज को लापरवाह डॉक्टर इलाज नहीं दिया। अस्पताल में जमीन पर लेट कर डॉक्टर का इंतज़ार करते हुए मरीज ने दम तोड़ दिया। सूचना मिलते ही अस्पताल प्रशासन ने मामले में लीपापोती शुरू कर दी। रविवार को पोलियो अभियान के तहत लगाए गए कैंप का निरीक्षण करने हेल्थ डायरेक्टर ने आना था, ऐसे में अस्पताल प्रबंधन ने शव को पोस्टमार्टम हाउस पहुंचा दिया।

 

दरअसल, शनिवार को संदीप सिंह (31) का सेक्टर-29 स्थित लेमन ट्री होटल के पास एक्सीडेंट हो गया था जिसे धानावास निवासी देशराज सेक्टर-10 स्थित नागरिक अस्पताल लेकर आया था। यहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार देने के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी। आरोप है कि संदीप की इमरजेंसी में ही तबीयत बिगड़ने लगी थी जिस पर उसने यहां मौजूद डॉक्टर को इलाज करने के लिए कहा, लेकिन डॉक्टर ने उसे कोई उपचार नहीं दिया। जानकारी के मुताबिक, संदीप पहले इमरजेंसी के बाहर ही जमीन पर लेट गया, लेकिन उसकी तरफ डॉक्टरों ने ध्यान नहीं दिया। यहां मौजूद चतुर्थ क्लास कर्मचारियों ने भी डॉक्टर को संदीप की स्थिति के बारे में बताया, लेकिन उन्होंने फिर भी उसकी तरफ ध्यान नहीं दिया।

 

बताया जा रहा है कि संदीप किसी तरह अस्पताल में पीएमओ के कमरे तक पहुंचा लेकिन वहां पीएमओ नहीं मिले ऐसे में वह अस्पताल परिसर में ही जमीन पर लेट गया और बेसुध हो गया। रविवार सुबह अस्पताल में जब स्टाफ सफाई कर रहा था तो उसने जमीन पर संदीप को लेटे देखा और उसे उठाने का प्रयास किया, लेकिन उसके शरीर में कोई हलचल नहीं हुई। इसकी सूचना इमरजेंसी में मौजूद डॉक्टरों को देते हुए उसे स्ट्रेचर पर डालकर ले जाया गया। डॉक्टरों ने जांच के उपरांत उसे मृत घोषित कर दिया।

 

प्रबंधन ने हेल्थ डायरेक्टर बी के राजोरा के अस्पताल पहुंचने से पहले ही पोस्टमार्टम हाउस पहुंचा दिया ताकि आला अधिकारियों को इसकी भनक तक न लगे। वहीं, मामले में अस्पताल के पीएमओ डॉ उमेश मेहता का कहना है कि उन्हें इस मामले की जानकारी ही नहीं है। सोमवार को जब वह अस्पताल जाएंगे तो मामले की जांच कराने के बाद ही कुछ कह सकेंगे। जांच रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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