फिर शुरु होगा गुरुग्राम पटौदी रेवाड़ी एक्सप्रेसवे का काम, सुप्रीम कोर्ट ने दी अनुमति
Gurugram News Network – गुरुग्राम-रेवाड़ी-पटौदी निवासियों के लिए अच्छी खबर है । लगभग एक साल से बंद पड़े गुरुग्राम पटौदी रेवाड़ी एक्सप्रेसवे के काम को दोबारा शुरु करने की हरी झंडी मिल गई है ।अब जल्द ही इस बंद पड़े इस एक्सप्रेसवे पर दोबारा से काम शुरु कर दिया जाएगा । इसके शुरु होने से गुरुग्राम रेवाड़ी के बीच सफर सुहाना होने वाला है साथ ही दिल्ली जयपुर हाइवे पर भी ट्रैफिक का दबाव कम हो जाएगा । दोबारा काम शुरु करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग (NHAI) को अनुमति दे दी है, जिसे नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने 18,000 पेड़ अनुमति के बाद काटे जाने पर रोक लगा दी थी । सुप्रीम कोर्ट ने अब NHAI को पेड़ लगाने लिए भूमि की पहचान करने के आदेश देते हुए एक्सप्रेसवे का काम दोबारा शुरु करने की अनुमति दे दी है । साथ ही नए पेड़ लगाने के लिए भूमि की पहचान करने के लिए पर्यावरणविदों की भी सहमति लेने के निर्देश दिए गए हैं ।
रिपोर्ट में किया ये दावा
एचटी में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, गुरुग्राम रेवाड़ी पटौदी को जोड़ने वाली चार लेन वाली 43 किलोमीटर लंबी राजमार्ग परियोजना को चौड़ा करने का काम जुलाई 2020 में शुरू हुआ था । इस परियोजना को पूरा करने के लिए 18000 पेड़ों की अनुमति के बाद कटाई की गई और इसके बदले यहां से 300 किलोमीटर दूर पंचुकला में नए पेड़ लगाने की बात कही गई लेकिन परियोजना के लिए दी गई वन मंजूरी के खिलाफ पर्यावरणविदों द्वारा दायर अपील पर एनजीटी ने सितंबर में इसे निलंबित कर दिया था । 2022 में इस परियोजना पर एनजीटी द्वारा ये कहते हुए रोक लगा दी कि यहां से 300 किलोमीटर दूर लगाए जाने वाले पेड़ों से यहां की क्षतिपूर्ति नहीं की जा सकती ।
NGT ने किया था दौरा
एनजीटी ने साइट का दौरा करने और एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए एक संयुक्त समिति का गठन किया गया । संयुक्त समिति की रिपोर्ट ने स्वीकार किया कि पंचकूला में क्षतिपूरक वनीकरण किया जा रहा है । 2 सितंबर 2022 को जारी अपने आदेश में एनजीटी ने कहा कि जिस जगह से पेड़ काटे गए हैं उसके 10 किमी के दायरे में वनीकरण वन मंजूरी के अधीन है । वन विभाग के अनुमोदन के अधीन इस उद्देश्य के लिए उपयुक्त भूमि खोजने की जिम्मेदारी पीपी (परियोजना प्रस्तावक) की होगी ।
इसके खिलाफ NHAI ने इस साल जनवरी में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जिसमें गुरुग्राम में पौधा लगाने के लिए जमीन की कमी का हवाला दिया गया । याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने छह अप्रैल को सुनवाई की और शुक्रवार को आदेश आया । शीर्ष अदालत ने हरियाणा सरकार को वृक्षारोपण करने से पहले मामले में NHAI और प्रतिवादियों (पर्यावरणविदों) दोनों की सहमति लेने का भी निर्देश दिया ।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कही ये बातें
आदेश में कहा गया है कि हरियाणा उस स्थान का पता लगाने के लिए याचिकाकर्ता के साथ ही सह- प्रतिवादियों के साथ बातचीत करेगा जहां पेड़ लगाए जा सकते हैं । इसके अलावा, याचिकाकर्ता को सड़क चौड़ीकरण का काम करने की अनुमति दी जाती है और सक्षम अधिकारियों द्वारा पेड़ों की कटाई के लिए आवश्यक अनुमति दी जा सकती है । हम यह भी निर्देश देते हैं कि अगर किसी निर्दिष्ट स्थान पर आपसी सहमति से उक्त स्थान पर वृक्षारोपण अभियान चलाया जाएगा ।
NHAI के अनुसार, गुरुग्राम डिवीजन में 36.14 हेक्टेयर के लिए वन मंजूरी दी गई थी जिसमें 8,373 पेड़ और 3,948 पौधे शामिल हैं । रेवाड़ी संभाग में 10.94 हेक्टेयर को साफ़ करने की मंजूरी थी । जिसमें 4,049 पेड़, 4,137 पौधे शामिल हैं । पर्यावरणविदों ने कहा कि परियोजना के लिए 12,000 पेड़ पहले ही काटे जा चुके हैं लेकिन कोई क्षतिपूरक वनीकरण नहीं किया गया है ।