टेक्नोलॉजी

सुनीता विलियम्स की ISS से धरती पर वापसी में देरी

तकनीकी समस्याओं के कारण अगले मार्च तक टली वापसी, ISS में बनी रहेंगी कमांडर

NASA के एस्ट्रोनॉट्स सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर की इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से धरती पर वापसी अब अगले वर्ष मार्च तक टल गई है। दोनों एस्ट्रोनॉट्स जून में Boeing के Starliner स्पेसक्राफ्ट के जरिए ISS पहुंचे थे, लेकिन अब SpaceX के Crew-10 मिशन में देरी के कारण उनकी वापसी को स्थगित किया गया है। NASA ने बताया कि Crew Dragon स्पेसक्राफ्ट में चल रहे कार्यों के कारण इस मिशन में देरी हुई है। Crew-10 मिशन में NASA के एस्ट्रोनॉट्स Anne McClain और Nichole Ayers के साथ जापान (JAXA) के Takuya Onishi और रूस (Roscosmos) के एस्ट्रोनॉट Kirill Peskov जाएंगे। यह मिशन SpaceX के Falcon 9 रॉकेट के जरिए मार्च के अंत में लॉन्च किया जाएगा।

सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर का ISS पर मिशन की अवधि केवल 10 दिन की थी, लेकिन तकनीकी समस्याओं के कारण Starliner स्पेसक्राफ्ट में देरी हुई और वे लगभग नौ महीने से ISS पर फंसे हुए हैं। कुछ महीने पहले, सुनीता विलियम्स ने ISS की कमान रूस के एस्ट्रोनॉट Oleg Kononenko से ली थी। कमांडर के तौर पर वह विभिन्न कार्यों और रिसर्च की निगरानी कर रही हैं।

विलियम्स ने हाल ही में एक वीडियो प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ISS पर उनका अनुभव सुखद रहा और वह अंतरिक्ष में जीवन को लेकर किसी प्रकार की कठिनाई महसूस नहीं कर रही हैं। हालांकि, विल्मोर ने बताया कि स्टारलाइनर के साथ तकनीकी समस्याओं के कारण उनकी वापसी में देरी हुई है और सुरक्षा संबंधी चिंताओं के कारण उनकी स्थिति अब बेहतर हो गई है। विलियम्स ने स्वीकार किया कि ISS पर उनके प्रवास में तनाव है, लेकिन वह मिशन पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं।

इस बीच, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने NASA की इस स्थिति को गगनयान मिशन के लिए एक महत्वपूर्ण सीख बताया है, जिससे भविष्य में इस प्रकार की चुनौतियों का समाधान किया जा सकेगा। ISRO के प्रमुख S. Somanath ने इस बात को स्वीकार किया कि NASA की वर्तमान चुनौतियां भारत के गगनयान मिशन के लिए मददगार साबित हो सकती हैं।

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