चुनावी ड्यूटी में व्यवधान उत्पन्न करने वालों होगी पर कड़ी कार्यवाई
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि यदि पीठासीन अधिकारी को किसी कारणवश लगता है कि किसी व्यक्ति ने बैलेट पेपर या ईवीएम को मतदान केंद्र से बाहर हटाया/निकाला है तो वह उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है या पुलिस अधिकारी को गिरफ्तार करने निर्देश दे सकता है या उसे ढूंढने के निर्देश दे सकता है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 135 के तहत उस व्यक्ति को एक साल की कैद या जुर्माना या दोनों सजाएं हो सकती हैं।
Gurugram News Network – जिला निर्वाचन अधिकारी एवं डीसी निशांत कुमार यादव ने कहा कि प्रदेश में हो रहे विधानसभा आम चुनाव 2024 के लिए मतदान पार्टियां 4 अक्टूबर को मतदान केंद्रों के लिए रवाना होंगी। चुनाव ड्यूटी पर जा रहे मतदान दल के कार्य में अगर कोई असामाजिक तत्व या राजनीतिक पार्टियां अपने प्रभाव के चलते उनकी ड्यूटी में किसी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न करते हैं तो उनके विरूद्ध नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मतदान केंद्र के अंदर यदि किसी व्यक्ति का आचरण सही नहीं है या पीठासीन अधिकारी के आदेशों की अवहेलना करता है तो उसे ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मचारी द्वारा मतदान केंद्र से बाहर निकाला जा सकता है। उसके बाद भी यदि वह व्यक्ति पीठासीन अधिकारी की अनुमति के बिना मतदान केंद्र में पुनः प्रवेश करता है तो उसे गिरफ्तार किया जा सकता है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 132 के तहत उस पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी और 3 माह की जेल या जुर्माना या दोनों सजाएं दी जा सकती हैं।
मतदान केंद्र में हथियार लेकर आने पर 2 साल की कैद की सजा का है प्रावधान उन्होंने बताया कि रिटर्निंग अधिकारी, पीठासीन अधिकारी, पुलिस ऑफिसर या कोई अन्य व्यक्ति जिसे मतदान केंद्र के अंदर शांति और व्यवस्था कायम रखने हेतु ड्यूटी पर तैनात किया गया हो, उन्हें छोड़कर यदि कोई व्यक्ति हथियार के साथ मतदान केंद्र में आता है तो उसे एक अपराध माना जाएगा। इसके लिए लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 134 बी के तहत 2 साल की कैद या जुर्माना या दोनों सजाएं हो सकती हैं।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि यदि पीठासीन अधिकारी को किसी कारणवश लगता है कि किसी व्यक्ति ने बैलेट पेपर या ईवीएम को मतदान केंद्र से बाहर हटाया/निकाला है तो वह उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है या पुलिस अधिकारी को गिरफ्तार करने निर्देश दे सकता है या उसे ढूंढने के निर्देश दे सकता है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 135 के तहत उस व्यक्ति को एक साल की कैद या जुर्माना या दोनों सजाएं हो सकती हैं।
मतपत्र या ईवीएम पर लगे आधिकारिक चिह्न को धोखाधड़ी से नष्ट करने पर 2 साल तक की सजा का प्रावधान उन्होंने बताया कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 136 के तहत चुनाव प्रतिबद्धता की दृष्टि से अपराध करने हेतु यदि कोई व्यक्ति किसी मतपत्र या ईवीएम या किसी मतपत्र या ईवीएम पर लगे आधिकारिक चिन्ह को धोखाधड़ी से विरूपित या नष्ट कर देता है
या किसी मतपेटी में मतपत्र के अलावा कुछ भी डाल देता है, या प्रतीक/नाम/पर कोई कागज, टेप आदि चिपका देता है तो भी सजा का प्रावधान है। इस स्थिति में यदि यह अपराध चुनाव ड्यूटी पर तैनात किसी अधिकारी या क्लर्क द्वारा किया जाता है तो 2 साल की कैद या जुर्माना या दोनों सजाएं हो सकती हैं। यदि यह अपराध किसी अन्य व्यक्ति द्वारा किया जाता है तो उसे 6 माह की कैद या जुर्माना या दोनों सजाएं हो सकती हैं। इसके अलावा, यदि कोई व्यक्ति किसी सरकारी अधिकारी को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए स्वेच्छा से साधारण या गंभीर चोट पहुंचाता है या हमला करता है तो उसे 10 साल तक की कैद और जुर्माना लगाया जा सकता हैं।