Gurugram News Network- प्राइवेट अस्पताल में भी मरीजों को अब निशुल्क इलाज मिलेगा। इसके लिए जिला प्रशासन ने निजी अस्पतालों का दौरा किया और पूरी व्यवस्था का जायजा लिया। जिला उपायुक्त निशांत यादव ने बताया कि मेदांता, फोर्टिस के बाद अब आर्टिमिस अस्पताल में भी मरीजों को निशुल्क इलाज मिलेगा। यह सुविधा केवल बीपीएल परिवार के लिए होगी। इन्हें निजी अस्पतालाें में इलाज मिलने में कोई दिक्कत न आए इसके लिए इन अस्पतालों में अलग से डेडिकेटेड काउंटर भी बनाया गया है। इन अस्पतालों को सरकार की योजना के तहत सस्ती दर पर जमीन उपलब्ध कराई गई थी।
बीपीएल परिवारों को यह सुविधा बिना किसी दिक्कत के मिल जाए इसके लिए डीसी निशांत कुमार यादव ने मेदांता द मेडिसिटी, फोर्टिस व आर्टिमिस अस्पताल का दौरा किया। उन्होंने तीनों अस्पतालों बीपीएल परिवारों के इलाज से संबंधित सरकार की गाइडलाइंस का हवाला देते हुए प्रबंधन से जरूरी विषयों पर चर्चा की। आर्टिमिस अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि बीपीएल परिवारों के इलाज से संबंधित विषयों की व्यवस्था के लिए ही स्थान पर निपटाने के लिए विशेष काउंटर बनाया गया है। इस काउंटर पर हरियाणा सरकार की ओर से स्वास्थ्य विभाग के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे और पात्र व्यक्तियों के इलाज प्रक्रिया में सहयोग करेंगे। डीसी निशांत कुमार यादव ने काउंटर का कार्य समझा और प्रबंधन को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। इसी तरह मेदांता द मेडिसिटी और फोर्टिस अस्पताल प्रबंधन को भी डीसी निशांत यादव ने इसी तरह का काउंटर शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दोनों अस्पताल अपने यहां कुल बेड संख्या का 20 प्रतिशत हिस्सा बीपीएल परिवारों के इलाज के लिए आरक्षित रखें।
डीसी ने अस्पताल प्रबंधन से कहा यदि कोई बीपीएल मरीज उपलब्ध नहीं है तो गरीबों के लिए आरक्षित बेड पर सामान्य मरीज को दाखिल किया जा सकता है, लेकिन जैसे ही बीपीएल या ईडब्ल्यूएस श्रेणी का कोई मरीज आएगा तो वह बेड खाली करवाना पड़ेगा। उनके लिए अस्पताल में जेनेरिक दवाओं की भी व्यवस्था हो। इस श्रेणी के अंतर्गत मुख्यमंत्री हरियाणा, स्वास्थ्य मंत्री, सिविल सर्जन या जिला का नोडल अधिकारी, उपायुक्त एवं जिला रेड क्रॉस सोसाइटी के अध्यक्ष की स्वीकृति से जिला रेड क्रॉस सोसाइटी इन अस्पतालों को इलाज के लिए मरीज रेफर करेंगे। इसके अलावा, आयुष्मान भारत, चिरायु कार्ड तथा बीपीएल कार्ड धारक व्यक्ति सीधे भी अस्पताल में इलाज के लिए जा सकते हैं। आपात स्थिति में मरीज के इलाज को प्राथमिकता दी जाएगी और कागज कार्यवाही बाद में की जाएगी।
उन्होंने कहा कि सभी स्रोतों से जिस परिवार के परिवार पहचान पत्र में मासिक आय 15000 रुपए तक है, वे इस सुविधा का लाभ प्राप्त करने के पात्र हैं। नई पॉलिसी की जानकारी देते हुए डीसी ने बताया कि मेदांता-द मेडिसिटी जैसे सुपर स्पेशलिटी अस्पताल को अपनी कुल बेड की क्षमता के 20 प्रतिशत बेड गरीबों के लिए आरक्षित करने होंगे। इस श्रेणी में दाखिल हुए मरीज का यदि 5 लाख रुपए तक बिल आता है तो उसका इलाज बिल्कुल फ्री होगा और यदि बिल की राशि 5 लाख से 10 लाख रुपए के बीच है तो मरीज से सामान्य चार्जिज का 10 प्रतिशत ही लिया जाएगा। यदि बिल की राशि 10 लाख रुपए से ज्यादा है, तो नॉर्मल चार्जिज का 30 प्रतिशत ही लिया जाएगा। इन अस्पतालों में ओपीडी में आने वाले मरीजों में भी 20 प्रतिशत सेवाएं समाज के आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के लिए होनी चाहिए।
प्रशासन की ओर से इस व्यवस्था के लिए मार्केटिंग बोर्ड की जोनल एडमिनिस्ट्रेटर मीतू धनखड़ को मेदांता, बादशाहपुर के एसडीएम सतीश यादव को फोर्टिस व एडिशनल लेवर कमिश्नर कुशल कटारिया को आर्टिमिस अस्पताल का नोडल ऑफिसर बनाया गया है। इस मौके पर चीफ प्रोटोकाॅल ऑफिसर वत्सल वशिष्ठ, सिविल सर्जन डाॅक्टर वीरेंद्र यादव, उप सिविल सर्जन डाॅक्टर अनुज भी मौजूद रहे।