Gurugram News Network – जिले में शुरू हुई शीत लहर से हर कोई बीमार हो रहा है। इन दिनों अस्पताल में ठंड लगने, फ्लू जैसे लक्ष्ण से ग्रस्त लोग इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। इस शीत लहर का सबसे अधिक असर बच्चों व बुजुर्गों पर हो रहा है। ठंड व शीतलहर से बचाव के लिए क्या करें और क्या न करें, इस सम्बन्ध में हरियाणा राज्य राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है। डीसी निशांत कुमार यादव ने लोगों से सचेत होकर शीतलहर आपदा से बचाव का आह्वान किया है।
डीसी ने कहा कि शीत लहर के समय यथासंभव घर के अंदर ही रहे, ठंडी हवा से बचने के लिए कम से कम यात्रा करें। रेडियो व अन्य मीडिया से मौसम की जानकारी लेते रहें। बुजुर्ग और बच्चों का ठीक से देखभाल करें एवं ऐसे पड़ोसी जो अकेले रहते हैं विशेषकर बुजुर्ग लोगों का हाल चाल पूछते रहें। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि आपातकालीन आपूर्ति आसानी से उपलब्ध हो। एक परत वाले कपड़े की जगह ढीली फिटिंग वाले परतदार हल्के कपड़े, हवा रोधित सूती का बाहरी आवरण तथा गर्म उनी भीतरी कपड़े पहने। शरीर की गर्मी बचाए रखने के लिये टोपी एवं जलरोधी जूतो का प्रयोग करें। सिर को ढके क्योंकि सिर के उपरी सतह से शरीर की गर्मी की हानि होती है और अपने फेफड़ों की सुरक्षा के लिये अपना मुंह ढक कर रखें। गर्म तरल पदार्थ नियमित कप से पिएं, इससे ठंड से लड़ने के लिये शरीर की गर्मी बनी रहेगी।
डीसी ने कहा कि शरीर में उष्मा के प्रवाह को बनाये रखने के लिये पोष्टिक आहार एवं निर्जलीकरण से बचने के लिए शराब आदि का सेवन न करें। शीतंदश होने पर चिकित्सक की सलाह ले जैसे संवेदनशून्यक सफेद अथवा पीले पड़े हाथ और पैरो की उंगलिया , कान की लौ तथा नाक की उपरी सतह इत्यादि। हाईपोथर्मिया (शरीर का तापमान समान्य से कम) होने जैसे अनियंत्रित कांपना, बोलने में दिक्कत, अनिंद्रा, मांसपेशियों में अकड़न, सांस लेने में दिक्कत इत्यादि पर चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।