जितनी दूरी यात्रा उतना देना होगा टोल, NHAI शुरू करने जा रहा है सैटेलाइट सिस्टम
NHAI जल्द शुरू करेगा सैटेलाइट आधारित टोल संग्रह प्रणाली, जितने किलोमीटर राजमार्ग पर उपयोग किया जाएगा उसके आधार पर ही टोल राशि का भुगतान करना होगा
Gurugram News Network- अब हाइवे पर सफर करने पर आपकी जेब पर ज्यादा बोझ नहीं पड़ेगा। नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) द्वारा अब टोल सिस्टम में बदलाव किया जा रहा है। NHAI द्वारा इसके लिए कवायद शुरू कर दी है। NHAI अब GPS पर आधारित टोल कलेक्शन सिस्टम शुरू करेगा। यह सिस्टम अगले साल तक शुरू हो जाएगा।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि राजमार्ग टोल प्लाजा की मौजूदा व्यवस्था को बदलने के लिए सरकार अगले साल मार्च तक सेटेलाइट आधारित टोल संग्रह प्रणाली सहित नई टेक्नोलॉजी पेश करेगी। इस कमद का उद्देश्य राजमार्गो पर यातायात को कम करना और राजमार्गों पर या की गई सटीक दूरी तक के लिए वाहन चालकों से शुल्क वसूलना है।
वर्तमान में वाहन चालकों को टोल प्लाजा पर निर्धारित राशि का ही टोल भरना पड़ता है। भले ही वाहन चालक ने राजमार्ग पर दो से तीन किलोमीटर का ही सफर किया हो, लेकिन नई प्रणाली आ जाने के बाद जितने किलोमीटर राजमार्ग पर उपयोग किया जाएगा उसके आधार पर ही टोल राशि का भुगतान करना होगा।
गडकरी ने कहा कि सरकार देश में टोल प्लाजा व्यवस्था बदलने के लिए GPS आधारित टोल सिस्टम सहित नई टेक्नोलॉजी लाने पर विचार कर रही है। अगले साल मार्च तक देश भर में नए GPS उपग्रह आधारित टोल संग्रह को शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने वाहनों को रोके बिना स्वचालित टोल संग्रह को सक्षम बनाने के लिए स्वचालित नंबर प्लेट पहचान प्रणाली की दो प्रायोगिक परियोजनाएं चलाई हैं।
वर्ष 2018-19 के दौरान टोल प्लाजा पर वाहनों को औसतन आठ मिनट का इंतजार करना होता था जोकि वर्ष 2020-21 और 2021-22 में फास्टैग व्यवस्था लागू होने से यह समय घटकर महज 47 सेकंड रह गया। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि कुछ स्थानों पर खासकर शहरों के आसपास घनी आबादी वाले कस्बों में टोल प्लाजा पर प्रतीक्षा के समय में काफी सुधार हुआ है, फिर भी अत्याधिक भीड़ के वक्त यह समय बढ़ जाता है।