मामा-भांजी ने किया किडनेपिंग का प्रैंक तो मामा पहुंच गए सलाखों के पीछे
Gurugram News Network – गुरुग्राम में एक मामा पर अपनी ही भांजी के अपहरण करने का आरोप लगा है। परिजनों का कहना है कि मामा और भांजी मिलकर उन्हें सरप्राइज देने के लिए प्रैंक कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें केस में उलझा दिया। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने केस न दर्ज करने की ऐवज में उनसे रुपए मांगे थे जिसे देने से इंकार करने पर यह केस दर्ज किया गया है। फिलहाल पुलिस ने आरोपी मामा को गिरफ्तार कर अदालत से एक दिन के रिमांड पर लिया है। वहीं, एडवोकेट हेमंत शर्मा ने बताया कि बच्ची ने मजिस्ट्रेट के समक्ष अपने बयान दिए हैं जिसमें उसने माता-पिता के साथ प्रैंक किए जाने की बात कही है। इस प्रैंक में उसके मामा भी शामिल थे। एडवोकेट हेमंत ने बताया कि जिस मामा को पुलिस ने किडनेपिंग का आरोपी बनाया है वह यूपीएसई का छात्र है और प्री एग्जाम क्लीयर कर चुका है।
वहीं शिकायतकर्ता पीड़ित बच्ची के पिता के वकील संदीप कौशिक ने भी पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाए हैं। उनका भी यही कहना है कि शिकायतकर्ता ने पुलिस को केस दर्ज होने से पहले ही बता दिया था कि उसके साथ प्रैंक हो गया है, लेकिन पुलिस ने महज वाहवाही लूटने के लिए और पैसा ऐंठने के लिए आनन फानन में मामला दर्ज कर लिया।
वहीं, पुलिस ने इस मामले में पत्रकारवार्ता कर अपनी थ्योरी बताई है कि 16 जून को एक व्यक्ति ने सेक्टर-10ए थाना पुलिस को शिकायत दी थी कि सेक्टर-37डी से उसकी 12 वर्षीय बेटी का अपहरण हो गया। अपहरणकर्ता द्वारा व्हाट्सएप पर मैसेज करके 25 लाख रुपए की फिरौती मांगी गई है। सूचना मिलते ही पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी। एसीपी पालम विहार नवीन कुमार के नेतृत्व में टीम गठित की गई और केस दर्ज करने के चार घंटे में ही पुलिस ने आरोपी को फाजिलपुर स्थित एक पीजी से काबू कर लिया और मासूम को भी आरोपी के कब्जे से छुड़ा लिया। आरोपी की पहचान धीरज के रूप में हुई है।
आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह मासूम का मामा है तथा 5 दिन से अपनी बहन/जीजा (शिकायतकर्ता) के घर पर ही रह रहा था। इसने अपनी भांजी को यह कहा कि वह 16 जून को घूमने चलेंगे तथा शाम 6 बजे घर के बाहर आ जाना। ऐसा करके हम आपके (मासूम बच्ची) माता-पिता को सरप्राइज देंगे, इसलिए अपने माता-पिता को मत बताना। निर्धारित समय पर लड़की घर से बाहर आई तथा आरोपी ओला कैब बुक करके मासूम को उसमें बैठाकर फाजिलपुर ले गया और वहां पर अपने एक दोस्त से एक दिन के लिए पीजी लिया हुआ था। यह लड़की को लेकर वहां पहुंचा तथा व्हाट्सएप के माध्यम से अपने जीजा को फोन कर 25 लाख रुपए की मांग की। यह रुपए बैग में भरकर गुरुग्राम रेलवे स्टेशन पर रखकर आने की बात कही।
पुलिस ने आरोपी के फोन तथा गाड़ी की सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से आरोपी का पता लगाया और आरोपी को काबू कर लिया। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि कोविड के दौरान से वह आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। उसने अपनी बहन और जीजा के घर रहते हुए जल्द अमीर बनने के लिए योजना तैयार की और अपनी ही भांजी का अपहरण कर लिया। फिरौती में मिलने वाली रकम से उसने ऐशो आराम की जिंदगी जीने की योजना बनाई थी। फिलहाल पुलिस ने आरोपी को एक दिन के रिमांड पर लिया है। मामले की जांच की जा रही है।
वहीं, परिजनों ने आरोप लगाया कि जब उन्हें बेटी के गायब होने की सूचना मिली तो वह ढूंढने लगे और इसकी सूचना पुलिस को दी, लेकिन अभी पुलिस कोई कार्रवाई करनी शुरू करती कि धीरज ने उन्हें फोन कर बेटी के उनके साथ होने व एक प्रैंक किए जाने की सूचना दे दी और यह भी बताया कि वह बेटी को लेकर वापस घर आ रहा है। लेकिन जैसे ही धीरज घर पहुंचा तो पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया और थाने ले गई। परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने इस मामले में केस न दर्ज करने की ऐवज में रुपयों की मांग की थी, लेकिन परिजनों ने देने से इंकार कर दिया और दबाव बनाने के लिए यह केस दर्ज किया है। फिलहाल पुलिस अब मामले की जांच में जुटी हुई है। जांच में तथ्य सामने आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।