प्रिंस हत्याकांड – सुप्रीम कोर्ट का आदेश, जेजे बोर्ड तय करे आरोपी को नाबालिग मानकर केस चले या बालिग मानकर
Gurugram News Network – साल 2017 में भोंडसी के प्राइवेट स्कूल में हुई सात साल के मासूम प्रिंस (कोर्ट द्वारा दिया गया नाम) की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ित पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड तय करे कि आखिर आरोपी छात्र भोलू (कोर्ट द्वारा दिया गया नाम) पर केस की दशा किस तरह की होगी। आरोपी पर नाबालिग की तरह केस चलाया जाना है अथवा व्यस्क की तरह केस चलाया जाए, इसके लिए एक बार फिर असेसमेंट किया जाए और केस की दिशा तय की जाए।
आपको बता दें कि 8 सितंबर 2017 को गुरुग्राम के भोंडसी इलाके में एक निजी विघालय में 7 साल के छात्र प्रिंस (कोर्ट द्वारा दिया गया नाम) की चाकू से गला रेंतकर बड़ी बेरहमी के स्कूल के बाथरुम में हत्या कर दी गई थी । हत्या को उस समय अंजाम दिया गया जब 8 साल का मासूम स्कूल में पहुंचा ही था । हत्या के कुछ घंटो बाद ही गुरुग्राम पुलिस ने मामले में स्कूल बस सहायक अशोक को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया । बाद में केस सीबीआई को सौंप दिया गया जिसके बाद सीबीआई ने स्कूल बस सहायक अशोक को क्लीन चिट देते हुए हत्या के लिए स्कूल के ही 16 वर्षीय छात्र भोलू (कोर्ट द्वारा दिया गया नाम) को हत्या का आरोपी बनाया ।
बाद में मामले को रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस मानते हुए जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने भोलू को वयस्क मानकर ट्रायल चलाने का फैसला दिया । उसके बाद जिला अदालत ने भी जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के फैसले को सही मानकर वयस्क के रुप में ट्रायल चलाने का आदेश दिया । जिसको आरोपी पक्ष ने हाइकोर्ट में चुनौती दी । पंजाब एंड हरियाणा हाइकोर्ट ने मामले में जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड को फैसले पर पुनर्विचार करने के आदेश दिए गए जिसके खिलाफ पीडित पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई जिस पर 13 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला देते हुए कहा है कि केस की दशा का जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड असेसमेंट करे और फैसला करे कि ये केस आरोपी को नाबालिग मानकर चलेगा या बालिग मानकर ।
प्रिंस के पिता बरुण चंद ठाकुर ने बताया कि बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया है। मामले को जेजे बोर्ड में वापस भेजा गया है ताकि इसकी दोबारा सोशल इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट तैयार की जाए और तय किया जाए कि मामला नाबालिग की तरह चलाना है अथवा व्यस्क की तरह चलाना है।