ईरान में महिलाओं के हिजाब पहनने से जुड़ा कानून हाल ही में चर्चा में आ गया है। ईरान के राष्ट्रपति ने कहा कि इस कानून में सुधार की बहुत जरूरत है। पहले, जो महिलाएं हिजाब नहीं पहनती थीं, उन्हें 15 साल तक की सजा मिल सकती थी। लेकिन अब इसमें बदलाव किया गया है और सजा का समय घटा दिया गया है। अब, महिलाएं अगर हिजाब नहीं पहनती हैं, तो उन्हें दो महीने तक जेल में रहना पड़ सकता है।
ईरान में 1979 में इस्लामी क्रांति के बाद से महिलाओं के लिए हिजाब पहनना अनिवार्य कर दिया गया था। इसे ‘इस्लामी ड्रेस कोड’ भी कहा गया। इसके तहत, महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों पर हिजाब पहनना और शरीर को ढकना जरूरी था। जो महिलाएं इसका पालन नहीं करती थीं, उन्हें सजा दी जाती थी।
हालांकि, हाल के सालों में इस कानून के खिलाफ विरोध बढ़ा था। कई महिलाओं ने इसे लेकर प्रदर्शन किए थे। उनका कहना था कि यह उनका व्यक्तिगत अधिकार है कि वे क्या पहनें और क्या नहीं। ईरान सरकार ने इन विरोधों को ध्यान में रखते हुए कहा कि इस कानून में सुधार की जरूरत है। राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह बदलाव महिलाओं के अधिकारों को और बेहतर बनाएगा।
ये नया कानून महिलाओं के लिए थोड़ी राहत लेकर आया है। पहले, जो महिलाएं हिजाब नहीं पहनती थीं, उन्हें 15 साल तक की सजा मिल सकती थी। अब, यह सजा घटाकर दो महीने कर दी गई है। इसके अलावा, महिलाएं अब इस कानून का विरोध करने के बजाय इसे सुधारने के लिए सक्रिय रूप से काम कर सकती हैं।