फ़र्ज़ी आरोपो से IPS के 20 साल के करियर पर आघात, झूठे निकले यौन शोषण के आरोप
शिकायत सोशल मीडिया पर भी वायरल जानबूझकर की गई थी। शिकायत और ई-मेल की जांच करने पर सामने आया कि गुरुग्राम से ही किसी प्रॉपर्टी डीलर ने तैयार कर बदनाम करने की नीयत से ऐसा किया था। हालांकि इस शिकायत पर जांच शुरू हो गई है और शुरूआती जांच में कोई साक्ष्य और पीड़ित नहीं मिला है।
Gurugram News Network – सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (एसपी) जींद सुमित कुमार के खिलाफ फर्जी ई-मेल भेज कर लगाए गए यौन शोषण के आरोपों में अभी तक कोई सच्चाई सामने नहीं आई है। ई-मेल में जिन महिला पुलिसकर्मियों के द्वारा शिकायत में आरोप लगाए गए हैं,शुरूआती जांच में सभी महिलाकर्मियों ने इन आरोपों को नकार दिया। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा इस तरह की कोई शिकायत नहीं की गई हैं। वहीं दूसरी और ई-मेल से भेजी गई शिकायत की जब जांच की गई,तो सामने आया कि फर्जी ई-मेल बनाकर यह शिकायत आला अधिकारियों और आयोग को भेजी गई थी।
शिकायत सोशल मीडिया पर भी वायरल जानबूझकर की गई थी। शिकायत और ई-मेल की जांच करने पर सामने आया कि गुरुग्राम से ही किसी प्रॉपर्टी डीलर ने तैयार कर बदनाम करने की नीयत से ऐसा किया था। हालांकि इस शिकायत पर जांच शुरू हो गई है और शुरूआती जांच में कोई साक्ष्य और पीड़ित नहीं मिला है। जिन महिला पुलिसर्मियों की के नाम शिकायत में लिखे गए हैं,उन महिला पुलिसकर्मियों ने अपने ब्यान में ऐसी शिकायत नहीं देने की बात कहीं गई हैं।
क्या है मामला:
बता दे कि जींद के एसपी सुमित कुमार पर यौन शोषण के आरोपों की चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल होते ही हरियाणा पुलिस के आला अधिकारी हरकत में आ गए हैं। हाईप्रोफाइल मामला होने के चलते आनन-फानन में आला अधिकारियों ने फतेहाबाद की पुलिस अधीक्षक आस्था मोदी (आईपीएस) के नेतृत्व में जांच शुरू की गई।
जांच करने के लिए आईपीएस आस्था मोदी ने शनिवार को जांच शुरू कर दी है। शुरूआती जांच में अभी तक जो तथ्य सामने आए हैं, उनसे संकेत मिल रहे हैं कि लगाए गए आरोप संदेहास्पद हैं तथा किसी प्रकार की साजिश से इंकार नहीं किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि वायरल शिकायत में जिन सात महिला पुलिस कर्मियों के नाम शिकायतकर्ता के तौर पर दिए गए हैं, जिनमें से ज्यादातर महिला पुलिस कर्मियों के बयान दर्ज किए गए हैं। जिन्होंने अपने बयानों में ऐसी किसी चिट्ठी के बारे में जानकारी होने से इंकार किया है।
जांच अधिकारी आईपीएस आस्था मोदी ने बताया कि शुरूआती जांच में अभी तक 19 महिला कर्मियों के बयान दर्ज किए गए हैं। लेकिन कोई भी साक्ष्य सामने नहीं आया है। जल्द ही जांच रिपोर्ट पूरी करके मुख्यालय को सौंप दी जाएगी।
गुरुग्राम से जुडा हुआ मामला
पुलिस के अनुसार जींद एसपी सुमित कुमार के रिश्तेदार ने गुरुग्राम में किसी प्रॉपर्टी डीलर से प्रॉपर्टी खरीदी थी। प्रॉपर्टी डीलर ने इस डील में गड़बड़ी कर दी। इस मामले में एसपी जींद के हस्तक्षेप पर गुरुग्राम पुलिस के एक थाने में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी। इस बात को लेकर प्रॉपर्टी विक्रेता ने रंजिश रखते हुए एसपी जींद से बदला लेने और बदनाम करने की नीयत से फर्जी ई-मेल बनाकर शिकायत भेजी गई और उसके बाद सोशल मीडिया पर वायरल भी किया गया।
20 सालों से हरियाणा पुलिस में कार्यरत
आईपीएस सुमित कुमार 20 सालों से हरियाणा पुलिस में कार्यरत है। वह गुरुग्राम सहित हरियाणा के अन्य जिलों में एसपी और डीसीपी के पद पर रहते हुए बेहतर काम किया है। गैंगस्टर को विदेश से भारत लाना हो या फिर फिरोती,अपहरण जैसी वारदातों की रोकथाम और बदमाशों को पकड़ने में अहम भूमिका निभाई है। उनके जानकार बताते है कि जानबूझ कर उनकी इज्जत और करियर को खराब करने की नियत से यह सब किया गया है। वहीं उन्होंने बताया कि पुलिस हर पहलू पर जांच कर रही है।