Haryana News: हरियाणा बोर्ड परीक्षा से पहले छात्रों के लिए राहत भरी खबर, अब इन बच्चों को भी मिलेगा अवसर
हरियाणा में अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों के बच्चों के लिए यह खबर राहत भरी है।
हरियाणा में अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों के बच्चों के लिए यह खबर राहत भरी है। अब इन स्कूलों के करीब 20,000 छात्र दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षा में शामिल हो सकेंगे।
मुख्य बिंदु:
1. स्कूलों की मान्यता:
31 मार्च 2007 से पहले स्थापित अस्थाई और अनुमति प्राप्त स्कूलों को शामिल किया गया है।
इन स्कूलों को पिछले सत्र में प्रोविजनल एफिलिएशन प्रदान किया गया था।
2. प्रक्रिया:
स्कूल शिक्षा निदेशालय ने इन स्कूलों की सूची हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड को भेज दी है।
संबद्धता शुल्क भरने और छात्रों के नामांकन के लिए पोर्टल खोलने का निर्देश दिया गया है।
3. छात्रों को लाभ:
इससे उन छात्रों को लाभ मिलेगा जो बोर्ड परीक्षा में शामिल होने से वंचित रह सकते थे।
हरियाणा सरकार का यह निर्णय शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका मुख्य उद्देश्य उन छात्रों को मौका देना है जो अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों में पढ़ रहे थे और परीक्षा में शामिल होने को लेकर असमंजस की स्थिति में थे। आइए इस विषय को और विस्तार से समझते हैं:
क्या है मामला?
हरियाणा में कई स्कूल 31 मार्च 2007 से पहले स्थापित हुए थे, लेकिन इन्हें केवल अस्थाई मान्यता प्राप्त थी। ऐसे स्कूलों को:
स्थाई मान्यता नहीं मिली थी। बोर्ड परीक्षा में बच्चों के नामांकन को लेकर दिक्कतें थीं।
पिछले सत्र में इन स्कूलों को प्रोविजनल एफिलिएशन (अस्थाई संबद्धता) दी गई, लेकिन बोर्ड से परीक्षा में बैठने की अनुमति का मामला अभी लंबित था।
सरकार का निर्णय
1. बोर्ड परीक्षा में अनुमति:
अब इन स्कूलों के छात्रों को दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षा में बैठने की अनुमति मिल गई है।
2. संबद्धता शुल्क जमा करने का निर्देश:
स्कूलों को संबद्धता (एफिलिएशन) के लिए शुल्क जमा करना होगा।
3. पोर्टल खोलने का आदेश:
छात्रों के नामांकन के लिए पोर्टल खोला जाएगा, जिससे नामांकन प्रक्रिया तेज हो सके।
कितने छात्रों को होगा फायदा?
इस फैसले से लगभग 20,000 छात्रों को लाभ होगा, जो इन स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं और बोर्ड परीक्षा का इंतजार कर रहे थे।
इसका असर
1. छात्रों का भविष्य सुरक्षित:
यह निर्णय इन छात्रों को अपनी पढ़ाई जारी रखने और बोर्ड की परीक्षा पास करके आगे की शिक्षा के लिए रास्ता खोलने में मदद करेगा।
2. शिक्षा का स्तर सुधरेगा:
अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों को नियमित मान्यता की प्रक्रिया में लाने से राज्य के शिक्षा ढांचे को मजबूत किया जा सकेगा।
3. सामाजिक-आर्थिक लाभ:
गरीब और पिछड़े वर्ग के छात्रों को सबसे अधिक फायदा होगा, क्योंकि अक्सर ऐसे स्कूल ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में स्थित होते हैं
आगे का रास्ता
सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी स्कूल समय पर संबद्धता शुल्क जमा करें।
नामांकन और परीक्षा प्रक्रिया को पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से लागू किया जाए।
भविष्य में ऐसे स्कूलों की मान्यता की स्थायी व्यवस्था के लिए नीति बनाई जाए।
यह निर्णय शिक्षा के अधिकार को बढ़ावा देने और हरि
याणा के छात्रों को बेहतर अवसर प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।