कुछ ही घंटों में GRAP 3 से GRAP 4 हुआ लागू, पुरानी गाड़ियों के चलने पर लगी रोक
दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर में कक्षा VI-IX और XI के छात्रों के लिए अनिवार्य हाइब्रिड कक्षाएं लगानी होंगी। हाइब्रिड का मतलब है कि स्कूलों में कक्षा X और XII के छात्रों को छोड़कर सभी छात्रों के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन कक्षाओं का मिश्रण होगा।
Gurugram News Network – दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषित आबोहवा को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद दोबारा से GRAP-4 की पांबदियों को लगा दिया गया है। पांबदियां लगने के बाद से सभी प्रकार के निर्माण और बीएस-तीन व बीएस चार के वाहनों के चलाने पर भी रोक लगा दी गई है।
इसके अलावा दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर में कक्षा VI-IX और XI के छात्रों के लिए अनिवार्य हाइब्रिड कक्षाएं लगानी होंगी। हाइब्रिड का मतलब है कि स्कूलों में कक्षा X और XII के छात्रों को छोड़कर सभी छात्रों के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन कक्षाओं का मिश्रण होगा।
कक्षा V तक की कक्षाओं को भी Stage 3 के तहत हाइब्रिड मोड में स्थानांतरित कर दिया गया था जहां माता-पिता और छात्र जहां भी उपलब्ध हो ऑनलाइन एजुकेशन चुन सकते हैं। सभी निर्माण और तोड़फोड़ गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध, जिनमें फ्लाईओवर, हाईवे, पाइपलाइन और पावर लाइन जैसी सार्वजनिक परियोजनाएं भी शामिल हैं।
गैर-आवश्यक डीजल ट्रकों को दिल्ली में प्रवेश करने से प्रतिबंधित किया गया है। सार्वजनिक, नगरपालिका और निजी कार्यालयों को केवल 50 प्रतिशत कर्मचारियों को कार्यालयों में काम करने की अनुमति देने का निर्णय लेना चाहिए, शेष कर्मचारी घर से काम करेंगे। राज्य अतिरिक्त उपायों पर विचार कर सकते हैं जैसे कॉलेज बंद करना, गैर-आवश्यक व्यवसाय और विषम-सम वाहन प्रतिबंध लागू करना।
Stage-4 के तहत, BS-III पेट्रोल और BS-IV डीजल कारों (4-पहिया) का उपयोग दिल्ली और आसपास के NCR जिलों में प्रतिबंधित है। दिव्यांग लोगों को छोड़कर।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सरकार से बढ़ते प्रदूषित शहरों की लिस्ट भी मांगी थी। कोर्ट ने कहा था कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) के समान एक तंत्र, जो दिल्ली-एनसीआर में एयर क्वॉलिटी से जुड़ी समस्याओं की पहचान करता है और उनका समाधान करता है, सभी राज्यों के लिए बनाया जाना चाहिए।
बेंच ने कहा कि वायु प्रदूषण की समस्या वाले अन्य प्रमुख शहरों की लिस्ट दें और क्या उन शहरों के लिए कोई तंत्र बनाया जा सकता है? हम इस मुद्दे को पूरे भारत में फैलाएंगे। हमें यह गलत संकेत नहीं देना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट में बैठकर हम सिर्फ दिल्ली में वायु प्रदूषण से निपट रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला तब आया जब कोर्ट के एक आयुक्त ने उसे बताया कि दिल्ली में जीआरएपी के तहत प्रतिबंध विफल हो रहे हैं क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के बाहर के शहरों में प्रदूषण विरोधी उपायों का पालन नहीं किया जा रहा है।