Gurugram News Network – पुराने गुरुग्राम में जल्द ही मेट्रो का निर्माण शुरु हो जाएगा। 28.50 किमी के इस मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में पुराने गुरुग्राम में 27 स्टेशन बनाए जाने हैं। गुरुग्राम नगर एवं ग्राम नियाेजन विभाग ने पुराने गुरुग्राम में मेट्रो के संचालन के लिए गुरुग्राम मेट्रो रेल लिमिटेड(GMRL) के गठन का प्रारूप तैयार कर लिया है। इस कंपनी की शुरुआत में कम से कम 20 करोड़ रुपए की पूंजी होगी। इसमें केंद्र और प्रदेश सरकार की बराबर की हिस्सेदारी रहेगी।
अधिकारियों के मुताबिक, केंद्र सरकार ने ओल्ड गुरुग्राम में मेट्रो की डीपीआर को मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके मुताबिक, 28.50 किमी लंबी मेट्रो लाइन डाली जाएगी, इसमें 27 स्टेशन होंगे। मिलेनियम सिटी गुरुग्राम मेट्रो स्टेशन से नई मेट्रो की शुरूआत होगी, जो साइबर सिटी से जाकर मिल जाएगी। इस योजना पर 5452 करोड़ रुपए का खर्च जाएगा। नगर निगम कमिश्नर नरहरि सिंह बांगड़ ने बताया कि पुराने गुरुग्राम में मेट्रो के संचालन को लेकर GMRL का गठन किया जा रहा है। जल्द ही मेट्रो निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा।
डीपीआर के मुताबिक, ये मेट्रो एलिवेटेड रहेगी। इसमें सेक्टर-45, साइबर पार्क, सेक्टर-47, सुभाष चौक, सेक्टर-48, सेक्टर-72ए, हीरो होंडा चौक, उद्योग विहार फेज-6, सेक्टर-10, सेक्टर-37, बसई गांव, सेक्टर-9, 7, 4, 5, अशोक विहार, सेक्टर-3, बजघेड़ा रोड, पालम विहार एक्सटेंशन, पालम विहार, सेक्टर-23ए, सेक्टर-22, उद्योग विहार फेज-4 व 5, मिलेनियम सिटी गुरुग्राम मेट्रो स्टेशन प्रस्तावित है। डीपीआर के अनुसार ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो को द्वारका एक्सप्रेस वे से जोड़ा जाना है जिसके तहत सेक्टर-101 में मेट्रो स्टेशन के निर्माण का प्रस्ताव है। मेट्रो चलने से लोगों को काफी राहत मिलेगी।
विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अरुण गुप्ता की तरफ से जारी आदेश के मुताबिक, इस कंपनी का रजिस्टर्ड कार्यालय HSVP कार्यालय सेक्टर-4 पंचकूला रहेगा। इसमें शुरूआत में केंद्र और राज्य सरकार की हिस्सेदारी 10-10 करोड़ होगी। इसके अलावा राज्य सरकार की तरफ से इस कंपनी में पांच निदेशक प्रस्तावित किए गए हैं। इनमें नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग और वित्तीय विभाग से प्रशासनिक सचिव, हरियाणा मास रेपिड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (HMRTC) के प्रबंध निदेशक GMDA के CEO और गुरुग्राम नगर निगम के आयुक्त शामिल हैं।
आपको बता दें कि हरियाणा सरकार ने पुराने गुरुग्राम में मेट्रो संचालन के लिए HMRTC का गठन किया था। डीपीआर को मंजूरी के लिए जब केंद्र सरकार को भेजा गया तो इस कंपनी पर आपत्ति जताई गई जिसके बाद GMRL के गठन का प्रस्ताव मंजूर हुआ।