शहर

जिले के गुमनाम आजादी के 26 दीवानों को पांच साल में भी ढूंढ नहीं पाया जिला प्रशासन

Gurugram News Network- दूसरे विश्व युद्ध के दौरान शहीद हुए व युद्ध बंदी बनाए गए प्रदेश के 287 गुमनाम शहीदों का परिवार आज़ादी के 74 वर्षों बाद भी अपने हक़ के लिए संघर्ष कर रहा है। गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों का रिकॉर्ड भले ही पांच साल पहले मिल गया हो, लेकिन सरकार इन पांच वर्षों में करीब 37 स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार को ढूंढ पाई है I 250 परिवारों का रिकॉर्ड अभी भी सरकारी फाइलों में दबा हुआ है I इन 250 स्वतंत्रता सेनानियों में से 26 स्वतंत्रता सेनानी गुरुग्राम जिले के निवासी थे I गुरुग्राम जिले का बंटवारा होने के साथ ही फाइल को दबा दिया गया है I स्वतंत्रता सेनानी परिवार के सदस्यों ने देश को आजादी दिलाने वालों के परिवारों को ढूंढने के लिए कई बार गुरुग्राम जिला उपायुक्त को रेवाडी जिला उपायुक्त के माध्यम से पत्राचार कराया गया है, लेकिन आज तक प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की है I

RishteyNCR

स्वतंत्रता सेनानी परिवार के सदस्य श्री भगवान फोगाट ने बताया कि उनके पिता आजाद हिंद फौज में सिपाही थे I दूसरे विश्व युद्ध (1942-47) के दौरान ब्रिटिश सरकार ने आजाद हिंद फौज के सैकड़ों सिपाहियों को बंदी बना लिया था I इसमें 287 सिपाही हरियाणा के थे I इन सिपाहियों का रिकॉर्ड ब्रिटिश सरकार ने भारत सरकार को नहीं दिया था I ऐसे सिपाहियों को स्वतंत्रता सेनानी होने का दर्जा नहीं मिल पाया था I आजाद हिंद फौज में शामिल अपने परिजनों को स्वतंत्रता सेनानी होने का दर्जा दिलाने के लिए परिवार संघर्ष कर रहे थे I

boutique Floor
श्री भगवान ने बताया कि युद्ध बंदी बनाए गए स्वतंत्रता सेनानियों को ब्रिटिश सरकार ने या तो मार दिया या उनकी कैद में रहते हुए मौत हो गई I इसकी सूचना तो भेजी गई थी, लेकिन इनके नाम व पता उस वक्त सरकार को नहीं दिया गया था I इनकी मौत होने के बाद इनके शव तक परिजनों को नहीं मिल पाए थे I परिजनों ने जब सरकार से गुहार लगाई तो ऐसे स्वतंत्रता सेनानियों को गुमनाम बना दिया गया I अब इनका नाम क्षेत्र के गौरव पटृट पर तो शामिल है, लेकिन आज भी यह नाम स्वतंत्रता सेनानी की सूची में शामिल होने का इंतजार कर रहा है I


श्री भगवान ने बताया कि यह रिकॉर्ड उन्होंने वर्षों की मेहनत के बाद ढूंढ निकाला और सरकार को भेजा था I इस रिकॉर्ड को प्राप्त करने के बाद हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव ने प्रदेश के सभी जिला उपायुक्तों को पत्र लिखकर स्वतंत्रता सेनानी परिवारों के पास रिकॉर्ड पहुंचाने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन यह रिकॉर्ड आज तक नहीं पहुंच पाया है I उन्होंने बताया कि दूसरे विश्व युद्ध के दौरान के गुरुग्राम और वर्तमान गुरुग्राम में काफी बदलाव आया है I आज के गुरुग्राम का दायरा छोटा हो गया है I गुरुग्राम जिले से फरीदाबाद, पलवल, रेवाडी, मेवात के रूप में स्वतंत्र जिले बन चुके हैं I ऐसे में इन स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार को ढूंढकर उन तक यह रिकॉर्ड पहुंचाने की जिम्मेदारी भी एक कंधे से हटकर इन सभी जिलों के जिला उपायुक्तों तक आ गई है I यदि अधिकारी अपने जिले के अंतर्गत सभी गांवों के सरपंचों से भी रिकाॅर्ड तलब करते तो भी इन स्वतंत्रता सेनानी परिवारों का पता लगाया जा सकता था, लेकिन अधिकारी कोई कदम नहीं उठा पा रहे हैं I डीसी गुरुग्राम यश गर्ग का कहना है कि यह मामला मेरे संज्ञान में पहली बार आया है। इस पर तुरंत कार्यवाही की जाएगी।

ये है पत्र जिसके माध्यम से गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों की जानकारी सरकार को दी गई थी

Related Articles

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker