गुरुग्राम के कोरोना मरीज़ों के लिए Free वर्चुअल योगा सेशन शुरु
Gurugram News Network – गुरुग्राम में कोरोना संक्रमित होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के लिए वर्चुअल माध्यम से योग सत्र का आयोजन किया जा रहा है ताकि वे योग क्रियाएं करके अपने शरीर की बिमारियों से लड़ने की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर जल्द कोरोना को मात दे सकें और स्वस्थ हो सकें।
उपायुक्त डा. यश गर्ग ने बताया कि जिला आयुष विभाग ने होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के लिए प्रातः 9 बजे से 10 बजे तक एक घंटे का योग सैशन वर्चुअल माध्यम से शुरू किया है। इस दौरान होम आइसोलेशन में रहे रहे कोरोना संक्रमित मरीजों को उन योग क्रियाओं की जानकारी दी जाती है जिससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े तथा वे जल्दी इस बीमारी से रिकवर कर पाएं।
इस वर्चुअल योग सैशन का लाभ लेने के लिए लोग जूम आईडी-89590657048 तथा पासवर्ड -538736 के माध्यम से जुड़ सकते हैं।
यह वर्चुअल योग सैशन प्रतिदिन प्रातः 9 बजे से 10 बजे तक एक घंटे के लिए योग प्रशिक्षक डा. भूदेव द्वारा करवाया जाता है। इस दौरान कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए उपयोगी योग आसन करने की विधि बताई जाती है और उन्हें आसन करके भी दिखाए जाते हैं। जिला आयुष अधिकारी डा. मंजू बांगड़ ने इस संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि प्राणायाम व ध्यान का अभ्यास संबंधी आसन बीमार व्यक्ति के लिए संजीवनी बूटी के समान हैं जो बीमारियों को ठीक करने के साथ साथ हमारे जीवन को तनावमुक्त बनाता है। इनका चयन सभी व्यक्तियों के लिए अलग-अलग हो सकता है। उन्होंने बताया कि आज पूरा देश कोरोना महामारी के प्रकोप से जूझ रहा है। यदि लोग नियमित दो आसन -‘उष्टरासन‘ और ‘मरकट‘ आसन करें या कुछ फेफड़ों व पेट से जुड़े आसन जैसे- ‘उत्थान मंडूक‘ आसन तथा प्राणायाम में 5 मिनट कपालभाति करें तो वे स्वयं को निरोग बना सकते हैं।
योगाचार्य डा. भूदेव का कहना है कि हर व्यक्ति को उज्जाई प्राणायाम कम से कम दो मिनट जरूर करना चाहिए। इससे व्यक्ति को बुखार नही आएगा। उज्जाई प्राणायाम से रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है जिससे बुखार आने की सम्भावना कम हो जाएगी । बुखार नही आना इस कोरोना काल में व्यक्ति के लिए बहुत राहत की बात है। उज्जाई प्राणायाम व उत्थानमडूक आसन फेफड़ों के लिए काफी लाभदायक है और इनसे शरीर में ऑक्सीजन लेवल भी संतुलित रहता है। इन आसनों में गले से सांसों को खींचते हुए थोड़ी थोड़ी आवाज निकालनी होती है। यदि 10- 10 मिनट के दो क्रम अनुलोम-विलोम व प्राणायाम करेंगें तो निश्चित ही व्यक्ति स्वयं को स्वस्थ रख सकता है। प्राणायाम व्यक्ति के शरीर व मन में बेहतर तालमेल बिठाता है। पेट व फेफडों की क्रियाएं ठीक होने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने लगती है। यह योग नियमित तौर पर करना अत्यंत लाभकारी है। यदि नाक के रोगों से परेशान व्यक्ति नेति और प्राणायाम करें। इससे व्यक्ति को जल्द ही स्वास्थ्य लाभ मिलेगा।