प्राइवेट अस्पताल का सामने आया फर्जीवाड़ा
Gurugram News Network- साइबर सिटी के प्राइवेट अस्पताल द्वारा फर्जीवाड़ा कर मरीज के परिजनों से मनमाने दाम वसूलने का मामला सामने आया हैं। मामला उस वक्त उजागर हुआ जब अस्पताल प्रबंधन ने मरीज के परिजनों से बिल जमा कराया। परिजनों ने पाया कि जिस दिन मरीज को अस्पताल में भर्ती किया था उससे एक दिन पहले का दवा का बिल परिजनों को दिया गया। इसके अलावा कोविड नियमों को दरकिनार कर अस्पताल का बिल बनाया गया। अदालत के आदेश पर DLF फेज-3 थाना पुलिस ने केस दर्ज किया है।
सतपाल यादव ने बताया कि उनके साले गौरव कुमार की तबीयत खराब होने पर उन्हें 5 मई को DLF फेज-3 के RBS अस्पताल में भर्ती किया गया था। यहां उसे कोविड ICU में बिना वेंटीलेटर के भर्ती किया गया था। सरकार के निर्देशानुसार ICU का बिल 8 हजार रुपए प्रतिदिन के अनुसार ऑक्सीजन समेत बनाया जाना था, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने इसमें मनमानी की। आरोप है कि अस्पताल ने उन्हें जब बिल दिया तो उसमें 6 हजार रुपए प्रतिदिन ऑक्सीजन के अलग से चार्ज किए गए। गौरव को 5 से 10 मई तक भर्ती किया गया था, लेकिन बिल में उन्हें एक दवाइयों का बिल मिला जो 4 मई का था। पूछताछ करने पर उन्हें कोई संतुष्टि पूर्ण जवाब नहीं मिला।
उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल ने गौरव को दवाइयों की ओवरडोज दी। उसकी एक साइड से नाक बंद हो गई थी जिसके कारण सांस लेने में दिक्कत आ रही थी। दवा देने के बाद भी उसकी नाक में सूजन आ रही थी। हालत में सुधार न होने पर वह गौरव को 10 मई की शाम को पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां जांच में उसे ब्लैक फंगस से ग्रस्त पाया गया। उन्होंने बताया कि अस्पताल द्वारा इलाज में भी काफी लापरवाही बरती गई है। मरीज को दूसरे अस्पताल भेजते वक्त RBS अस्पताल ने उन्हें डिफाल्टर बना दिया। इसके साथ ही निर्धारित से अधिक चार्ज वसूले गए। इस पर उन्होंने पुलिस को शिकायत दी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस पर उन्होंने अदालत में केस दायर कर न्याय की गुहार लगाई। अदालत के आदेश पर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।