Delhi News: वैष्णव ने कहा – राजधानी या शताब्दी की जगह वंदे भारत ट्रेनें नहीं
वैष्णव ने सदन को जानकारी दी कि भारतीय रेलवे की बड़ी लाइन (ब्रॉड गेज) के विद्युतीकृत नेटवर्क पर वर्तमान में 136 वंदे भारत ट्रेन सेवाएं चेयर कार सुविधा के साथ संचालित की जा रही हैं।
सरकार ने स्पष्ट रूप से इस बात से इंकार किया है कि राजधानी, शताब्दी या दूरंतो ट्रेनों के स्थान पर वंदे भारत ट्रेन का संचालन किया जाएगा। बुधवार को लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी के सवाल का जवाब देते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि वंदे भारत ट्रेन का परिचालन मौजूदा सेवाओं में किसी भी प्रकार का बदलाव किए बिना किया गया है।
वैष्णव ने सदन को जानकारी दी कि भारतीय रेलवे की बड़ी लाइन (ब्रॉड गेज) के विद्युतीकृत नेटवर्क पर वर्तमान में 136 वंदे भारत ट्रेन सेवाएं चेयर कार सुविधा के साथ संचालित की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि भारतीय रेलवे के लिए वंदे भारत ट्रेनें एक महत्वपूर्ण पहल हैं, जो यात्री सुविधाओं को आधुनिक बनाने और यात्रा को और अधिक तेज़, सुरक्षित और आरामदायक बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई हैं।
रेल मंत्री ने आगे कहा कि वंदे भारत सेवाओं सहित नई रेलगाड़ियां शुरू करना एक निरंतर प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे – यातायात की आवश्यकता (ट्रैफिक जस्टिफिकेशन), परिचालनिक व्यवहार्यता, संसाधनों की उपलब्धता और अन्य तकनीकी पहलू। रेलवे का उद्देश्य नई सेवाओं को मौजूदा नेटवर्क में समायोजित करना है, ताकि यात्रियों को बेहतर यात्रा अनुभव मिल सके।
वंदे भारत ट्रेनें भारतीय रेलवे की नई पीढ़ी की रेलगाड़ियां हैं, जिन्हें तेज़ गति और आधुनिक सुविधाओं के साथ डिजाइन किया गया है। ये ट्रेनें देशभर में मध्यम और छोटी दूरी की यात्रा के लिए बेहद लोकप्रिय हो रही हैं। इसके आधुनिक फीचर्स, कुशल संचालन और तेज़ गति के कारण यात्री वर्ग में इनकी मांग बढ़ रही है।
वंदे भारत ट्रेनों के परिचालन को लेकर कई तरह की चर्चाएं हो रही थीं कि क्या ये ट्रेनें राजधानी, शताब्दी और दूरंतो जैसी प्रतिष्ठित ट्रेनों की जगह ले सकती हैं। इस पर स्पष्टीकरण देते हुए वैष्णव ने कहा कि मौजूदा सेवाओं को बिना प्रभावित किए वंदे भारत को जोड़ा गया है।
सरकार का यह रुख स्पष्ट करता है कि भारतीय रेलवे नई सेवाओं को मौजूदा ढांचे में शामिल करते हुए यात्रियों को अधिक विकल्प देना चाहती है। वंदे भारत ट्रेनें रेलवे के आधुनिकीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम हैं, लेकिन इसके साथ ही पुरानी और स्थापित ट्रेनों का संचालन जारी रहेगा।