बांग्लादेश के चर्चित नेता मोहम्मद यूनुस का भारत को लेकर दिया गया हालिया बयान विवादों में घिर गया है। यूनुस ने कहा कि भारत अब बांग्लादेश के खिलाफ सख्त रुख अपनाने लगा है, जबकि यही भारत था जिसने बांग्लादेश की आजादी में मदद की थी।
1971 में बांग्लादेश की आजादी में भारत ने बड़ा योगदान दिया था। उस समय भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ बांग्लादेश का साथ देकर उसे स्वतंत्र राष्ट्र बनने में मदद की। इसके बाद से दोनों देशों के बीच दोस्ताना संबंध रहे हैं।
मोहम्मद यूनुस का कहना है कि भारत अब बांग्लादेशी कैदियों को जेलों में रखकर उनके साथ सख्ती कर रहा है। उन्होंने कहा कि ये वही भारत है जिसने बांग्लादेश की आजादी के लिए मदद की थी, लेकिन अब वह हमारे लोगों को जेलों में रखकर हमारी संप्रभुता पर सवाल खड़ा कर रहा है।
भारत ने यूनुस के बयान को खारिज करते हुए कहा कि सभी कैदियों के साथ अंतरराष्ट्रीय कानूनों और मानवाधिकारों का पालन किया जा रहा है। भारतीय अधिकारियों ने बताया कि इन कैदियों को उनकी गतिविधियों के आधार पर गिरफ्तार किया गया है, जिनमें अवैध घुसपैठ और आपराधिक गतिविधियां शामिल हैं।
भारत में कई बांग्लादेशी नागरिक जेलों में हैं, जो अवैध रूप से भारत में दाखिल हुए या किसी अपराध में लिप्त पाए गए। भारतीय सरकार का कहना है कि इन कैदियों को उनके देश वापस भेजने की प्रक्रिया जारी है, लेकिन यह दोनों देशों के बीच समझौते और कानूनी प्रक्रिया पर निर्भर करता है।
यूनुस के बयान की बांग्लादेश और भारत दोनों में आलोचना हो रही है। कई लोगों का कहना है कि ऐसे बयान से दोनों देशों के संबंध खराब हो सकते हैं। बांग्लादेशी सरकार ने भी इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध हैं। व्यापार, पानी के बंटवारे और सीमा सुरक्षा जैसे मुद्दों पर दोनों देश मिलकर काम करते रहे हैं। हालांकि, कुछ मुद्दे जैसे अवैध प्रवासन और सीमा विवाद को लेकर तनाव बना रहता है।