शहरहरियाणा

आवेदन के 25 साल बाद प्रशासन ने दिया मृत्यु प्रमाणपत्र 

Gurugram News Network – सरकारी विभागों में कार्य अधिकारियों की मनमर्ज़ी से ही होते हैं।  इसका जीता जागता उदाहरण इस बात से देखने को मिलता है कि एक व्यक्ति को अपने जीजा का मृत्यु प्रमाणपत्र आवेदन के 25 साल बाद मिला। यह प्रमाणपत्र भी अधिकारियों ने सीएम की कार्यवाही से बचने के लिए बनाया। सीएम विंडो पर दी शिकायत के बाद बनाये गए इस प्रमाणपत्र के बाद अब अधिकारी वाहवाही लूटने में लगे हुए हैं। अधिकारी वाहवाही लूटने में इतने व्यस्त हो गए कि उन्हें यह तक होश नहीं रहा कि मृत्यु प्रमाणपत्र के अभाव में मृतक की पत्नी व बच्चों को कितनी परेशानियां झेलनी पड़ी। 
सीएम विंडो की निगरानी कर रहे मुख्यमंत्री के ओएसडी भूपेश्वर दयाल के अनुसार गुरुग्राम के गांव घोषगढ़, फर्रुखनगर, वार्ड 7 निवासी दुलीचन्द ने सीएम विन्डो पर शिकायत दर्ज करवाई थी कि 26 सितम्बर, 1996 को हरियाणा परिवहन की बस से हुई दुर्घटना में उसके जीजा देशराज की मौत हो गई थी। एनओसी कटवाने के बाद भी 25 वर्षों तक उनका मृत्यु प्रमाण-पत्र प्राप्त नहीं हुआ था। मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने के लिए सरकारी कार्यालयों का चक्कर काट कर परेशान हो चुके परिजनों ने उम्मीद तक छोड़ दी थी। प्रमाणपत्र के अभाव में मृतक के परिजनों को कई सुविधाओं से भी वंचित रहना पड़ा। अधिकारियों की कार्यशैली से परेशान हो चुके परिजनों ने सीएम विंडो पर शिकायत देकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल से गुहार लगाई थी। 
भूपेश्वर दयाल ने बताया कि 1 अप्रैल, 2021 को शिकायत नम्बर 29987 सीएम विंडो पर अपलोड की गई थी, जिस पर तत्काल कार्यवाही करते हुए इस संदर्भ में गुरुग्राम के नागरिक अस्पताल को सूचित किया गया। अस्पताल के अधिकारियों तथा नगर निगम के अधिकारियों ने वर्ष 1996 का रिकॉर्ड खंगाला और प्रार्थी को 16 अगस्त, 2021 को मृतक देशराज का मृत्यु प्रमाण-पत्र जारी कर दिया। सीएम विंडो पर दी गई शिकायत पर भले ही 30 दिन में कार्यवाही कर रिपोर्ट सौंपे जाने का दावा किया जाता हो, लेकिन इस शिकायत को बंद करने में भी 135 दिन से भी ज्यादा समय लगा दिया। हैरत की बात यह है की अधिकारियों ने देशराज का मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने के साथ ही शिकायतकर्ता से आगे कार्यवाही न करने की बात लिखवाते हुए इस शिकायत को बंद करवा दिया, लेकिन इन 25 सालों तक प्रमाणपत्र न बनाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की। अधिकारी शिकायत को बंद कराकर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं।  
शिकायतकर्ता ने बताया कि 25 वर्षों से वह नागरिक अस्पताल, गुुरुग्राम व नगर निगम गुरुग्राम कार्यालय के चक्कर लगाकर थक चुका था, तब किसी ने उसे सीएम विंडो पर अपनी शिकायत दर्ज करवाने का सुझाव दिया। इसके बाद उसने 1 अप्रैल, 2021 को अपनी शिकायत दर्ज करवाई और 135 दिन से अधिक समय बीतने के बाद समस्या का समाधान हुआ। ओएसडी भूपेश्वर दयाल के अनुसार ऐसे अनेक उदाहरण हैं, जिनका सीएम विंडो के माध्यम से समाधान किया गया है, जो काफी समय से लम्बित चली आ रही थी । हर महीने सीएम विंडो पर आई शिकायतों की समीक्षा की जाती हैं और सम्बंधित विभागों के अधिकारियों को तय सीमा में उनका समाधान करने के आदेश दिए जाते हैं। डयूटी में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाती है। यहां तक कि कई मामलों में अधिकारियों व कर्मचारियों को निलंबित भी किया गया है। गुरुग्राम में अधिकारियों की इस लापरवाही के लिए अधिकारी कार्यवाही करने से बच रहे हैं।  

Related Articles

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker