नायब तहसीलदार को ब्लैकमेल के आरोप में RTI एक्टिविस्ट समेत दो के खिलाफ केस
Gurugram News Network- नायब तहसीलदार को ब्लैकमेल करने व गलत तरीके से रजिस्ट्री करने का दबाव देने के आरोप में बादशाहपुर थाना पुलिस ने RTI एक्टिविस्ट समेत 2 के खिलाफ केस दर्ज़ किया है। आरोप है कि रुपए न देने पर RTI एक्टिविस्ट ने नायब तहसीलदार की गलत वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दी। उधर, RTI एक्टिविस्ट ने नायब तहसीलदार के सभी आरोपों को निराधार बताया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
बादशाहपुर नायब तहसीलदार अजय मलिक ने बादशाहपुर थाना पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनके पास वजीराबाद तहसील का भी अतिरिक्त चार्ज है। 12 मार्च को उनके पास रमेश यादव एक व्यक्ति के प्लॉट की रजिस्ट्री कराने आए थे, लेकिन दस्तावेज पूरे न होने के कारण रजिस्ट्री करने से उन्होंने मना कर दिया। आरोप है कि मना करते ही रमेश यादव तैश में आ गए और उन्हें भला बुरा कहने लगे। उनका ट्रांसफर कराने, उठवाने व जान से मारने की धमकी देने लगे। शोर सुनकर कार्यालय का स्टाफ उनके कमरे में आ गया। इस पर उन्होंने रमेश यादव को कमरे से बाहर जाने के लिए कहा, लेकिन वह उन्हें लगातार धमकी देते रहे।
नायब तहसीलदार ने बताया कि उन्होंने अपने स्तर पर पता किया तो उन्हें जानकारी मिली कि रमेश यादव चर्चित RTI एक्टिविस्ट है। उसके एक साथी लव कुमार ने उनके खिलाफ CM विंडो पर झूठी शिकायत दी है। आरोप है कि शिकायत देने के बाद लव कुमार ने उन्हें व्हाट्सएप काॅल करके बताया कि उसने व रमेश कुमार ने उनका वीडियो बनाया है, जिसमें रजिस्ट्री क्लर्क कपिल रुपए ले रहा है। इस वीडियो को नायब तहसीलदार के नाम के साथ जोड़कर मोटी रकम वसूलने की साजिश बनाई है। लव कुमार ने नायब तहसीलदार के साथ हुई बात को रमेश यादव से न करने के लिए भी कहा। आरोप है कि लव कुमार ने उनसे 5 लाख रुपए की मांग की। रुपए मिलने पर CM विंडो पर दी गई शिकायत वापस लेने की बात कही। ऐसा न करने पर रमेश यादव के साथ मिलकर उन्हें बदनाम करने की धमकी दी।
नायब तहसीलदार ने बताया कि उन्होंने लव कुमार को रुपए देने से इंकार कर दिया। इसके कुछ दिन बाद उन्हें रमेश यादव ने वीडियो व्हाट्सएप की। यह वही वीडियो थी जिसका लव कुमार ने उनसे जिक्र किया था। आरोप है कि जब नायब तहसीलदार ने वीडियो पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी तो रमेश यादव व उसके साथियों ने यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करवा दी। उनके द्वारा मोटी रकम ऐंठने के लिए दबाव बनाने समेत गलत तरीके से रजिस्ट्री करने व जान से मारने की धमकी देना शुरू कर दिया। इस पर उन्होंने पुलिस को शिकायत देकर केस दर्ज कराया है।
वहीं, मामले में RTI एक्टिविस्ट रमेश यादव ने नायब तहसीलदार के सभी आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि यदि उन्होंने नायब तहसीलदार के कार्यालय में 12 मार्च को हंगामा किया था तो उन्होंने उसी वक्त इसकी कोई शिकायत पुलिस को क्यों नहीं दी। जिस लव कुमार का वह जिक्र अपनी शिकायत में कर रहे हैं उससे वह पहली बार अक्टूबर महीने में मिले हैं। ऐसे में लव कुमार के साथ उनका नाम गलत तरीके से जोड़ा जा रहा है। रमेश कुमार ने कहा कि कुछ समय पहले उन्हें पता लगा कि नायब तहसीलदार ने कुछ जमीन की रजिस्ट्री फर्जी तरीके से की हुई हैं। इसकी जांच SDM द्वारा की जा रही है। मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचा हुआ है। ऐसे में नायब तहसीलदार ने खुद को फंसता देखकर उनके खिलाफ यह झूठा मुकदमा दर्ज कराया है।