Sultan Bird Sanctuary के पास प्रतिबंध के बावजूद हुए अवैध निर्माण, रिपोर्ट में हुआ खुलासा
न की तय परिधि में निर्माण गतिविधि जोनल मास्टर प्लान प्रोविजन और इको सेंसिटिव जोन (पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्र) के नियमों का उल्लंघन है। केंद्र सरकार ने सुल्तानपुर नेशनल पार्क को रामसर साइट का दर्जा दिया है। संबंधित क्षेत्र की तय परिधि में अवैध निर्माण नहीं होना चाहिए। इसके लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएं।
Gurugram News Network – पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण ने शुक्रवार को जिला अधिकारियों संग बैठक कर पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्र में जीरो टॉलरेंस नीति अपनाकर काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिले में सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र काफी महत्वपूर्ण है। इस क्षेत्र के प्रतिबंधित क्षेत्र में अवैध निर्माण गतिविधियों को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने जिला उपायुक्त अजय कुमार की निगरानी में अवैध निर्माण की निगरानी व कार्रवाई के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि उक्त स्थान की तय परिधि में निर्माण गतिविधि जोनल मास्टर प्लान प्रोविजन और इको सेंसिटिव जोन (पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्र) के नियमों का उल्लंघन है। केंद्र सरकार ने सुल्तानपुर नेशनल पार्क को रामसर साइट का दर्जा दिया है। संबंधित क्षेत्र की तय परिधि में अवैध निर्माण नहीं होना चाहिए। इसके लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएं।
इस क्षेत्र परिधि के निकटतम बनने वाली नियमित इकाइयों की भी जांच करें। अधिकारी संबंधित क्षेत्र के आस-पास होने वाले ढांचागत निर्माण नियमों की पालना सुनिश्चित करें। इसमें कोताही बरतने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि इस वर्ष मार्च में इसके संबंध में एक निगरानी कमेटी बनाई गई थी। कमेटी रिपोर्ट के अनुसार संबंधित क्षेत्र में कुछ अवैध निर्माण संज्ञान में आए हैं। ऐसे सभी निर्माण की स्टेटस रिपोर्ट बनाकर सौंपे।
राज्य व केंद्र सरकार पर्यावरण हितैषी कार्य करने के पक्ष में है। इस पर लगातार गंभीरता से काम किया जा रहा है। लोगों को पर्यावरण का मूल्य समझना होगा। सुनिश्चित करें कि पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्र में कोई अवैध निर्माण न हो। इस दौरान विनीत कुमार गर्ग(आईएफएस) जीएमडीए के सीईओ श्यामल मिश्रा, जिला उपायुक्त अजय कुमार,प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी विजय चौधरी, आरएस भाट डीटीपी नोडल अधिकारी, मनीष यादव डीटीपी(ई) व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।