नगर निगम के अधिकारी फिर सवालों के घेरे में, पार्क की मैंटेनेंस का पैसा किसी और कर दिया ट्रांसफर
निगम की तरफ से इन पार्कों के रखरखाव के लिए उनकी उरवा के बैंक खाते में रखरखाव शुल्क डाला जाता है, लेकिन अप्रैल 2024 से लेकर जुलाई 2024 तक उनको पार्कों का रखरखाव का भुगतान नहीं किया गया।
Gurugram News Network – नगर निगम में अब पार्कों के रखरखाव भुगतान में भी गड़बड़ी करने का मामला सामने आया है। निगम की बागवानी विंग ने सेक्टर-4/7 की अर्बन ईस्टेट रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (UERWA) की जगह दूसरी वेलफेयर एसोसिएशन को इनको पार्कों का भुगतान कर दिया।
निगम अधिकारियों ने करीब दस लाख रुपये का भुगतान किसी अन्य आरडब्ल्यूए को कर दिया । इस गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने निगमायुक्त अशोक कुमार गर्ग को इसकी शिकायत की ।
निगमायुक्त ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच संयुक्त आयुक्त-1 प्रदीप कुमार को सौंपी है। संयुक्त आयुक्त ने बागवानी विंग से पार्कों के रखरखाव को लेकर किए गए भुगतान को लेकर रिकॉर्ड मांगा है। अर्बन ईस्टेट रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (UERWA) ने निगमायुक्त को दी शिकायत में बताया कि सेक्टर-4और 7 के पार्कों का रखरखाव बहुत ही बेहतरीन तरीके से रखरखाव किया जा रहा है। इसको लेकर निगम ने उनको यह पार्क काफी समय से रखरखाव के लिए दिए हुए हैं।
निगम की तरफ से इन पार्कों के रखरखाव के लिए उनकी UERWA के बैंक खाते में रखरखाव शुल्क डाला जाता है, लेकिन अप्रैल 2024 से लेकर जुलाई 2024 तक उनको पार्कों का रखरखाव का भुगतान नहीं किया गया।
उन्होंने इसके बारे में निगम अधिकारियों से पता किया तो पता चला कि उनके पार्कों के रखरखाव शुल्क का भुगतान निगम अधिकारियों ने वार्ड-15 की वेलफेयर एसोसिएशन के खाते में डाल दिया है।
आरोप लगाया है कि निगम अधिकारियों ने मिलीभगत करके उनके पार्कों के शुल्क को दूसरी आरडब्ल्यूए को दे दिया है, जो कि बिल्कुल गलत है। निगमायुक्त से मामले की जांच करवाने के साथ पार्कों के रखरखाव शुल्क उन्हें देने की मांग की है। निगमायुक्त ने इस मामले की जांच संयुक्त आयुक्त प्रदीप कुमार को सौंपी है। संयुक्त आयुक्त ने मामले की जांच शुरू कर दी है।